मृतक संघ अब जीवित मृतकों के साथ साथ पेंशन विहीन कर्मचारियों की भी लड़ेगा लड़ाई

आजमगढ़। मृतक संघ अब जीवित मृतकों के साथ साथ पेंशन विहीन कर्मचारियों की भी लड़ाई लड़ेगा। चुनाव से पूर्व अभियान चलाकर गांव गांव लोगों को जागरूक किया जायेगा कि बुढ़ापे में कर्मचारियों की पेंशन छिनने वाले सांसद विधायक अपनी पेंशन क्यों बचायें हुए है। सोमवार को प्रेस को जारी बयान में मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल बिहारी मृतक ने इसकी जानकारी दी।
उन्होने कहाकि विभागों में भ्रष्टाचार अलग मुद्दा है लेकिन सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है।  जो कर्मचारी 60 साल तक सरकारी सेवा देने के बाद पाता है। सांसद विधायक अपनी पेंशन सुरक्षित कर कर्मचारियों के बुढ़ापे की पेंशन खत्म करके 15 साल से अधिक का समय बीत गया। इस बीच लोकसभा, विधानसभा के कई चुनाव हुए लेकिन किसी भी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा शामिल नहीं किया। जब सेवानिवृत्त कर्मचारियों की बात आती है तो सभी दलों को सांप सूंघ जाता है। उन्होने कहाकि जाति धर्म के नाम पर लड़ाकर सत्ता हासिल करने वाले राजनैतिक दल पेंशन तो खत्म किए अब विभागों का निजीकरण भी कर रहे है। जिससे रोजगार खत्म हो रहा है बेरोजगारी बढ़ रही है।
उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी जनप्रतिनिधि जनता के बीच और अपने घोषणा पत्र में स्पष्ट करें कि वह कभी पेंशन नहीं लेंगे और लेंगे भी तो सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को बहाल करेंगे। मृतक संघ गांव गांव जाकर लोगों को हैंडबिल समाचार पत्रों के माध्यम से जागरूक करेगा। कहाकि पेंशन विहीन कर्मचारी ऐसे राजनीतिक दल का चुनाव में बहिष्कार करें जिसने घोषणा पत्र में यह मुद्दा शामिल नहीं किया है।