जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को भारतीय सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में सेना ने जाकिर मूसा गैंग का सफाया कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि त्राल के राजपुरा में हुए एनकाउंटर में गजवत-उल-हिंद के तीन आतंकियों को मारे जाने के साथ ही इस आतंकी संगठन का खात्मा कर दिया गया है। डीजीपी ने कहा है कि उग्रवाद पर नकेल कसे जाने से पाकिस्तान बौखला हुआ है और सीजफायर उल्लंघन की आड़ में घुसपैठिये भेजने की कोशिश कर रहा है।
दिलबाग सिंह ने बताया कि मंगलवार देर रात त्राल के राजपुरा में मारे गए तीनों लोकल मिलिटेंट अंसार गजवत-उल-हिंद का हिस्सा थे। जाकिर मूसा के मारे जाने के बाद ग्रुप की कमांड हमीद ललहारी को दी गई। ललहारी तब से इसे चला रहा था और दूसरों को मोटिवेट किया था। उन्होंने बताया कि मूसा के बाद यह ग्रुप खत्म हो रहा था लेकिन ललिहारी ने युवाओं को मोटिवेट करके इसमें शामिल किया। इसी तरह मारे गए आतंकी नवीद और जुनैद इसमें शामिल हुए। तीनों अवंतीपुरा-पुलवामा के रहनेवाले थे। सिंह ने दावा किया है कि गजवत-उल-हिंद फिलहाल खत्म हो गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पहले से मौजूद उसका कोई समर्थक अगर उभर आता है तो उसके बारे में कुछ कहना मुश्किल है लेकिन फिलहाल इसका खात्मा कर दिया गया है। जो आतंकी मारे गए हैं वे बहुत सारी घटनाओं में शामिल थे।