ब्यूरो रिपोर्ट | आजमगढ़ |
आजमगढ़ – जनपद एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद एंव लखनऊ खण्डपीठ, सभी जनपदीय न्यायालयों, दीवानी न्यायालयों, पारिवारिक न्यायालयों, श्रम न्यायालयों, औद्योगिक अधिकरणों तथा राज्य में स्थित ऐसे सभी अधिकरणो, जिनपर माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद को अधीक्षण प्राप्त हैं, द्वारा पारित वे सभी अन्तरिम आदेश जिनकी समयावधि दिनांक 19 मार्च 2020 के पश्चात् समाप्त हो रही है या एक माह के अन्दर समाप्त होने वाली है , दिनांक 26 अप्रैल 2020 तक प्रभावी रहेंगे। जिन अन्तरिम आदेशों की समय सीमा निर्धारित नहीं है या वे अग्रिम आदेश तक प्रभावी हैं ऐसे आदेशों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यदि राज्य में स्थित किसी दाण्डिक न्यायालय द्वारा एक निश्चित अवधि के लिए ऐसी जमानत अथवा अग्रिम जमानत स्वीकृत की गयी है जिसकी समयावधि इस दिनांक (26 मार्च 2020) से एक माह में समाप्त होने वाली है वे आदेश इस दिनांक 26 मार्च 2020 से एक माह तक की अवधि तक विस्तारित कर दिये गये हैं। यदि खाली कराये जाने, बेदखली व ध्वस्तीकरण हेतु आदेश माननीय उच्च न्यायालय , जनपद या दीवानी न्यायालयों द्वारा पारित किये गये हैं तो उन्हें इस तिथि ( 26 मार्च 2020 ) से एक माह तक क्रियान्वित नहीं किया जायेगा। यह भी आशा की गयी है कि राज्य सरकार , नगरपालिका प्राधिकारीगण या एजेन्सी या राज्य सरकार के साधक तन्त्र ध्वस्तीकरण व लोगों की बेदखली हेतु कार्यवाही करने में मन्द गति रखेंगे। इस आदेश को जनपद न्यायालय , आजमगढ़ में कार्यरत न्यायिक अधिकारीगण के मध्य अविलम्ब परिचालित किया जाय तथा इसकी एक प्रति जनपद न्यायालय , आजमगढ़ के नोटिस बोर्ड पर अविलम्ब चस्पा की जाय।