आजमगढ़ : सामुदायिक किचेन व राहत शिविरों का नियमित निरीक्षण के लिए जिलाधिकारी ने समिति का किया गठन

ब्यूरो रिपोर्ट|आज़मगढ़|

आजमगढ़ – जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया है कि कोविड-19 के कारण फैल रही महामारी को आपदा घोषित किया गया है, जिसके दृष्टिगत जनपद में कोरोना के संक्रमण से बचाव हेतु समस्त गतिविधियाॅ दिनांक 14 अप्रैल 2020 तक लाकडाउन घोषित की गयी है।
उन्होने बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत जनपद में राहत शिविर एवं सामुदायिक किचेन स्थापित किये गये हैं, जिसके माध्यम से असहाय जन सामान्य एवं शिविर में एकांतवासी लोगों को भोजन दिया जा रहा है। सामाजिक दूरी के नियमों के साथ संचालित समस्त सामुदायिक किचेन व राहत शिविरों का नियमित निरीक्षण व सदस्यों को हाईजिन का उचित प्रशिक्षण देना आवश्यक है।
तत्क्रम में जिलाधिकारी ने समिति का गठन किया है, जिसमें नोडल अधिकारी मुख्य राजस्व 9454417923, अपर जिलाधिकारी प्रशासन 9454417922 एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय कुमार सिंह निजामाबाद, राकेश शुक्ला, फूलपुर, राम बुझावन चैहान लालगंज व मार्टीनगंज, हरेन्द्र सदर, अंकित कुमार सिंह सगड़ी, देवेश कुमार मिश्रा बूढ़नपुर, रामचन्द्र यादव मेंहनगर, प्रेमचन्द नगर पालिका मुबारकपुर व दिनेश कुमार राय मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी नगर पालिका आजमगढ़ शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने उक्त अधिकारियों से अपेक्षा किया है कि आवंटित तहसील के अन्तर्गत पड़ने वाले समस्त सामुदायिक किचेन व राहत शिविरों के साथ ही साथ तहसील क्षेत्रान्तर्गत स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा संचालित किचेन का भी एसओपी (स्टैण्डर्ड आपरेशन प्रोसिजर)/गाईड लाईन के अनुसार नियमित निरीक्षण करना सुनिश्चित करें। निरीक्षण के दौरान कमियाॅ पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही भी करंे।
जिलाधिकारी ने अभिहित अधिकारी को निर्देश दिये कि गाइड लाइन के अनुसार सामुदायिक किचेन का संचालन करायें। उन्होने बताया कि कम्युनिटी किचन का मुख्य उद्देश्य असहाय/पलायन कर रहे श्रमिकों/एकांतवासी लोगो को उनकी दैनिक आवश्यकता अनुसार भोजन प्रदान करना है। जहां तक सम्भव हो किचन में बनने वाला भोजन स्थानीय उपलब्ध खाद्य पदार्थ हो जो सभी आयु वर्ग की दैनिक आवश्यकता पूर्ण कर सके, जैसे दाल, अनाज व सब्जियांे से बना भोजन। यह भी सुनिश्चित करें कि भोजन पकाने का स्थान, भण्डारण का स्थान तथा बर्तन साफ एवं निःसंक्रमित है। स्वच्छीकरण प्रतिदिन हर बार भोजन बनाने के पहले एवं बाद हो। हाथ धोने तथा किटाणु शोधन हेतु पर्याप्त मात्रा में पानी तथा साबुन किचन द्वार पर उपलब्ध हो। भोजन तैयार करते समय हाथो में ग्लव्स तथा बाल/सिर ढ़ककर रखे। बची हुयी बेकार सामग्री के निस्तारण की व्यवस्था अच्छी हो, जिससे सड़न तथा बदबू न फैले। इसके लिए वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग किया जा सकता है। सूखा कचरा एवं गीला कचरा अलग-अलग बन्द डस्टबिन में इकट्ठा किया जाये। प्रयोज्य पानी को बहाने हेतु सोक पिट की व्यवस्था होनी चाहिए। भोजन ग्रहण करने वालो की रजिस्टर में अद्यतन जानकारी रखे। जैसे नाम, आयु, कहां से आये, गाँव लौटने की तिथि आदि। सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों का अनुपालन हर हाल में किया जायें। दो लोगो के मध्य न्यूनतम 1 मी0 की दूरी रखी जाये। भोजन पकाने के लिए पानी का श्रोत सुरक्षित हो। पानी पाइप लाइन सप्लाइ/फिल्टर या इण्डिया मार्क-2 हैण्डपम्प से लिया गया हो। व्यक्तिगत स्वच्छता हेतु 20 सेकण्ड जबकि भोजन बनाने, वितरण तथा भण्डारण की प्रक्रिया से जुड़े लोगो को हर प्रक्रिया के पहले एवं बाद में नियमित अपने हाथो को साबुन व पानी से कम से कम 401 सेकण्ड धोना अनिवार्य है। प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 5 ग्राम से कम आयोडिन नमक पर्याप्त है। कोई भी कार्य करने से पूर्व किचन की सतह, प्लेटफार्म तथा बर्तन पूर्णतः साफ हो। खाद्य पदार्थ तथा पका भोजन ढककर रखा जाये। किचन के आस-पास के शौचालय की नियमित सफाई सोडियम हाइपोक्लोराइट 1 प्रतिशत और साबुन पाउडर/डिटर्जेन्ट से होनी चाहिए।