गजब! 106 साल की उम्र में कोरोना को दी मात, प्रेरणा बन गए मुख्तार अहमद

नई दिल्ली : देश और दुनिया में कोविड-19 वायरस बड़ी संख्या में लोगों की जिंदगियां छीन चुका है। भारत सहित अधिकांश देशों में यह बात सामने आई है कि इस महामारी से जान गंवाने वालों में बुजुर्गों की संख्या अधिक है लेकिन कुछ ऐसे भी बुजुर्ग लोग हैं जिन्होंने कोरोना पर विजय पाई है। इसी में से एक हैं 106 साल के मुख्तार अहमद।

अस्पताल से डिस्चार्ज हुए अहमद
मध्य दिल्ली के नवाबगंज के निवासी मुख्तार ने कोरोना वायरस के संक्रमण से उबर चुके हैं और उन्हें राजीव गांधी सुपर स्पेशल अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया है। इस अवस्था में जानलेवा महामारी से उबरकर मुख्तार ने अन्य लोगों के लिए एक मिसाल पेश की है। डॉक्टर भी उनकी रिकवरी को हैरानी के साथ देख रहे हैं।

अहमद का उबरना प्रेरित करने वाला
मुख्तार कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए गत 14 अप्रैल को राजीव गांधी सुपर स्पेशल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बीमारी से उबर जाने के बाद उन्हें एक मई को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल के मेडिकल डाइरेक्टर डॉक्टर बीएल शेरवाल का कहना है, ‘जब कोई भी मरीज बीमारी से ठीक होता है तो यह हमारे लिए गर्व की बात होती है लेकिन यह मामला थोड़ा अलग है। अहमद की उम्र 100 साल से अधिक है और उनका कोविड-19 से उबरना हम सभी को प्रेरित करने वाला है।’

दृढ़ इच्छाशक्ति से पायी विजय
डॉक्टर ने कहा, ‘अहमद का उपचार कर रहे डॉक्टरों ने पाया कि उनके अंदर इस महामारी को हराने की दृढ़ इच्छाशक्ति है। बीमारी को हराने के लिए इस तरह की इच्छाशक्ति का होना जरूरी है। अहमद ने एक बहादुर व्यक्ति की तरह कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ी।’

बेटा भी है संक्रमित
अहमद की प्रतिरोधक क्षमता के बारे में डॉक्टर ने कहा कि यह व्यक्ति के शरीर में संक्रमण के स्तर पर निर्भर करता है। डॉक्टर ने कहा कि अहमद ने ठीक होकर ऐसे लोगों को प्रेरित किया है जो 100 साल से ऊपर हैं। ऐसे लोग भी कोरोना को हरा सकते हैं और ठीक हो सकते हैं। बता दें कि अहमद को संक्रमण उनके बेटे से हुआ था। उनके बेटे का अभी भी इलाज चल रहा है। अहमद इस समय अपने घर पर हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं।