चंडीगढ़। पंजाब में नौकरशाही और सियासत के बीच विवाद बढ़ गया है। राज्य के मुख्य सचिव करण अवतार सिंह और मंत्रियों में सीधा टकराव हो गया है और विवाद बढ़ गया है। पूरे कैबिनेट ने करण अवतार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसका खामियाजा करण अवतार सिंह को उठाना पड़ सकता है और उनकी मुख्य सचिव पद से छुट्टी तय मानी जा रही है। साेमवार को उनके खिलाफ पूरी कैबिनेट उतर आई। यही कारण है कि वह आज की कैबिनेट बैठक मेें शामिल नहीं हुए। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव सतीश चंद्र शामिल हुए। बताया जाता है कि मुख्य सचिव करण अवतार सिंह को बैठक से पहले आधे दिन की छुट्टी पर भेज दिया गया।
कैबिनेट बैठक से पहले मुख्य सचिव काे आधे दिन की छुट्टी पर भेजा, अतिरिक्त मुख्य सचिव हुए शामिल
हालात ऐसे हो गए हैं कि पंजाब के लगभग सभी मंत्रियोंं ने चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह के साथ काम करने से मना कर दिया है। हालांकि, यह फैसला प्री-कैबिनेट में ही ले लिया गया था, लेकिन बाद में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सामने जब वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने यह प्रस्ताव रखा तो सीएम ने कहा कि यह आधिकारिक मीटिंग है, इसलिए इसे लिखित में नोट करवाया जाए।
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के कहने पर मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक के रिकॉर्ड में शामिल कराई आपत्ति
सोमवार की मीटिंग के बाद करण अवतार सिंह की चीफ सेक्रेटरी पद से छुïट्टी लगभग तय हो गई है। पूरी कैबिनेट उनके खिलाफ उतर आई है। माना जा रहा है कि करण अवतार सिंह को लंबी छुट्टी पर भेजा जा सकता है। उधर, कैबिनेट में आई नई आबकारी नीति पर कोई भी फैसला लेने का अधिकार मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को सौंप दिया है।
मनप्रीत व चन्नी ने कहा, जिस बैठक में चीफ सेक्रेटरी होंगे, उसमें हिस्सा नहीं लेंगे
दरअसल, मंत्रियों का कैबिनेट से पहले ही चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलना तय हो गया था। बताया जाता है कि एक सीनियर मंत्री ने इस मामले को ज्यादा तूल न देने को कहा और यह भी कहा कि इससे आम जनता में हमारी ही छवि बिगड़ रही है। वहीं वित्त मंत्री ने मनप्रीत बादल ने साफ कहा, ‘मैं किसी भी मीटिंग में करण अवतार सिंह के साथ नहीं बैठूंगा।’ इस पर तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत चन्नी ने कहा, ‘मामला तो मेरे से शुरू हुआ था, अगर ऐसा है तो मैं भी ऐसी किसी मीटिंग में हिस्सा नहीं लूंगा, जिसमें करण अवतार सिंह होंगे।’ इस पर फिर अन्य मंत्री भी सहमत हो गए।
इसके बाद कैबिनेट की मीटिंग शुरू हुई तो वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने नई आबकारी नीति पर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा कि यह महकमा आपका है और आपको ही फैसला लेना है। हम आपसे अफसरों की गैरहाजिरी में बात करना चाहते हैं।’ उनके इतना कहते ही एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम सतीश चंद्रा, प्रमुख वित्त सचिव अनिरुद्ध तिवारी और एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर विवेक प्रताप सिंह बाहर चले गए।
मेरी प्रतिष्ठा को बहाल करना मुख्यमंत्री का काम: मनप्रीत
मनप्रीत ने कहा, मैंने आज तक मुख्यमंत्री को शर्मिंदा नहीं होने दिया, लेकिन दो दिन पहले चीफ सेक्रेटरी ने जो व्यवहार किया, वह बर्दाश्त के बाहर है। अब मेरी प्रतिष्ठा को बहाल करना मुख्यमंत्री का काम है।’ उनका साथ चरणजीत चन्नी और सुखजिंदर रंधावा ने भी दिया। इसके बाद अफसरों को फिर बुलाया गया है और मंत्रियों का रुख नोट करवाया गया।
इससे पहले चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह को आधे दिन की छुट्टी पर भेज दिया गया और कैबिनेट की नोटिंग के लिए सतीश चंद्रा को अधिकृत किया गया। मुख्यमंत्री को छोड़ कर सारी कैबिनेट पंजाब भवन में उपस्थित थी, जबकि मुख्यमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक से जुड़े थे।
सब कमेटी की बैठक में हुआ था हंगामा
9 मई को आबकारी नीति पर कैबिनेट सब कमेटी की बैठक थी। बैठक में चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह बिना चर्चा के ही नीति पर मुहर लगवाना चाहते थे। इसका वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने विरोध किया था। चीफ सेक्रेटरी ने कहा था कि अफसर ही नीति बनाते हैं, कैबिनेट तो केवल उसे मंजूर करती है। चीफ सेक्रेटरी के इस रवैये से मनप्रीत बादल, चरण सिंह चन्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा सब कमेटी की बैठक छोड़ कर बाहर चले गए थे।