नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए नई योजना बनाई है। जिस इलाके में कोरोना वायरस का तेजी से प्रसार होगा वहां भौगोलिक क्वारंटाइन किया जाएगा यानी वहां लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक होगी। कंटेनमेंट जोन में संक्रमितों की तलाश के साथ ही पूरी तरह से घेराबंदी की जाएगी और विशेष टीमें घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच करेंगी।
कोरोना पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने तैयार की नई रणनीति
कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए तैयार की गई नई योजना में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि बड़े प्रकोप वाले भौगोलिक क्षेत्र यानी गांव, कस्बा या शहर के उस इलाके से है, जहां स्थानीय स्तर पर कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि हुई हो। परिचालन के मकसद से बड़े प्रकोप वाले क्षेत्र से मतलब उस इलाके से है जहां 15 या उससे ज्यादा मामले सामने आए हों।
भौगोलिक क्वारंटाइन का मतलब होगा कि उस इलाके में लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से पाबंदी होगी। जहां ज्यादा मामले होंगे उस इलाके की सख्त घेराबंदी की जाएगी। जिन क्षेत्रों में ज्यादा मामले होंगे या एक या ज्यादा जिलों के एक से ज्यादा ब्लॉक में संक्रमण फैला होगा वहां भौगोलिक क्वारंटाइन लागू किया जाएगा। यह कोरोना के मामलों में और उनके संपर्कों पर आधारित होगा।
कंटेनमेंट के उपायों को सख्ती से लागू करने पर बल
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि हो सकता है कि कोरोना वायरस भारत की बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले ले, लेकिन इसकी संभावना कम है कि यह देश के सभी हिस्से को समान रूप से प्रभावित करेगा। इसको देखते हुए हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में कंटेनमेंट के उपायों को सख्ती से लागू करने पर बल दिया गया है साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों के लिए विभिन्न तरीका अपनाने को भी कहा गया है।