ग्वालियर/रीवा। देश में प्रवासी मजदूरों के साथ हो रही दुर्घटनाओं के बाद उन्हें पैदल, निजी वाहन या रेल की पटरियों से जाने से मना करने पर उन्होंने हंगाम खड़ा किया। कई राज्यों से मध्य प्रदेश होकर यूपी लौट रहे कामगारों को रोके जाने से शनिवार-रविवार को दोनों राज्यों की चार बॉर्डर पर बवाल हुआ। झांसी की रक्सा, दतिया की चिरुला, शिवपुरी की दिनारा व रीवा की चाक घाट पर उग्र श्रमिकों ने हंगामा किया। रक्सा व चाक घाट पर पथराव के बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर हालात काबू में किए। आखिरकार यूपी प्रशासन ने रक्सा, दिनारा व चिरुला में प्रवासी मजदूरों व अन्य लोगों को प्रवेश व बसें भेजकर आने की इजाजत दी तब स्थिति सामान्य हुई। उधर रीवा में बसें कम भेजने पर कामगारों ने पथराव किया और फिर बेरिकेड तोड़कर यूपी में चले गए।
यूपी पुलिस ने रोका था
शनिवार रात को यूपी पुलिस ने श्रमिकों और अन्य लोगों से भरे वाहनों को झांसी के रक्सा और मप्र के दतिया की चिरुला और शिवपुरी की दिनारा बॉर्डर पर रोक दिया था। पुलिस का कहना था कि निजी वाहन से किसी भी मजदूर को नहीं जाने दिया जाएगा। यह कदम औरेया हादसे में 26 श्रमिकों की मौत के बाद उठाया गया था, लेकिन मजदूरों का कहना था कि वे अपने वाहनों को छोड़कर नहीं जाएंगे। इसी बात को लेकर तीनों सीमाओं पर हंगामे की स्थिति बनी और झांसी में कोटा-शिवपुरी हाइवे पर 10 किमी लंबा और शिवपुरी के सिकंदरा बैरियर तथा दतिया के चिरुला बॉर्डर पर वाहनों की पांच कि मी लंबा जाम लग गया।
सुबह 10 बजे बाद रवानगी
रक्सा बॉर्डर के हालात पर नजर व नियंत्रण के लिए झांसी के कलेक्टर आंद्रा वामसी सहित जिले का पुलिस बल रविवार सुबह से ही मौके पर डटा था बवाल की सूचना मिलने पर दतिया और शिवपुरी पुलिस के अधिकारियों ने यूपी के अधिकारियों से बातचीत की। सुबह 10 बजे के बाद बसों से मजदूरों को यूपी में उनके जिलों तक रवाना किया गया। कुछ निजी वाहनों को भी प्रवेश दिया गया।
12 घंटे से अटके श्रमिकों का सूरज के साथ चढ़ा पारा
झांसी के अधिकारी प्रवासी मजदूरों को समझा रहे थे कि मजदूरों के लिए दो ट्रेन और कई बसों का इंतजाम किया गया है, तभी 12 घंटे से सड़क पर अटके मजदूरों का पारा सूरज की तपन बढ़ने के साथ चढ़ता चला गया और पथराव व लाठीचार्ज तक स्थिति बनी।
महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली व राजस्थान के थे श्रमिक
यूपी बॉर्डर पर जिन मजदूरों को रोका गया, उनमें अधिकांश मजदूर महाराष्ट्र के नागपुर, नासिक, सांगली व मुंबई के थे। इनके अलावा दिल्ली व गुजरात के अहमदाबाद और सूरत के अलावा राजस्थान के भी मजदूर शामिल थे। इन मजदूरों व अन्य लोगों को यूपी के कानपुर, ललितपुर और मप्र के छतरपुर, टीकमगढ़, बरुआसागर आदि जगहों पर जाना था।
बातचीत कर निकलवाए वाहन
दतिया के एएसपी आरडी प्रजापति ने बताया कि यूपी पुलिस की ओर से वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। सूचना मिलने पर अधिकारी मौके पर पहंुचे और उप्र के अधिकारियों से बातचीत की इसके बाद सभी वाहनों को वहां से निकलवाना शुरू किया।
रीवा में चाकघाट पर पथराव
उधर, रीवा के समीप मप्र-उप्र सीमा पर स्थित चाकघाट पर एकत्र करीब 10 हजार प्रवासी मजदूरों ने शनिवार देर रात उस समय हंगामा किया जब उन्हें लेने उप्र से 80 की बजाए 10 बसें ही पहुंचीं। उग्र मजदूरों ने नारेबाजी की और पत्थर फेंके। रीवा के एसपी आबिद खान ने बताया कि करीब 10 हजार श्रमिक चाकघाट बॉर्डर पर एकत्रित हो गए थे। उन्हें उत्तर प्रदेश भेजने को लेकर प्रयागराज के कलेक्टर और यमुनापार एसपी से बातचीत की थी। उन्होंने 80 बसें भेजने की बात कही थी। बसों का इंतजार करते हुए शनिवार सुबह से शाम हो गई लेकिन उत्तर प्रदेश से बसों की व्यवस्था नहीं हुई। शनिवार रात आठ बजे तक 10 बसों को भेजा गया, जिनसे कुछ श्रमिकों को भेजा गया। बाकी श्रमिक भी दबाव बनाने लगे। इसी बीच हंगामा व पथराव शुरू हो गया।
नाका तोड़ उप्र में घुसे श्रमिक
बवाल के बाद चाक घाट बॉर्डर पर मौजूद श्रमिक उप्र पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़कर राज्य की सीमा में चले गए। श्रमिकों का गुस्सा देखकर उप्र पुलिस ने भी उन्हें रोकने का प्रयास नहीं किया। बवाल के बाद रविवार को हालात का जायजा लेने रीवा के आईजी चंचल शेखर व कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव चाकघाट पहुंचे। जहां उन्होंने श्रमिकों को आश्वासन दिया कि उप्र के बड़े अफसरों से बात हो चुकी है। जल्द ही उनको गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा।