लंदन। ब्रिटेन ने माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम के करीबी गुर्गे टाइगर हनीफ के प्रत्यर्पण से कथित तौर पर इन्कार कर दिया है। हनीफ गुजरात के दो बम धमाकों में आरोपित है। भारत हनीफ के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन के अधिकारियों से फिर बातचीत कर सकता है।
एक अन्य गुर्गे जबीर मोतीवाला के खिलाफ जारी है प्रत्यर्पण की कार्रवाई
भले ही हनीफ को फिलहाल राहत मिल गई हो, लेकिन दाऊद का एक अन्य गुर्गा जबीर मोतीवाला अब भी जेल में बंद है और उसके खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई जारी है। जबीर पर ड्रग्स तस्करी में पैसे लगाने का आरोप है। सूत्र बताते हैं कि हनीफ के प्रत्यर्पण से इन्कार ब्रिटेन के तत्कालीन गृहमंत्री साजिद जाविद ने किया था। वह पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश राजनीतिज्ञ हैं। साजिद के इन्कार ने कोर्ट से मामले को खारिज कराने में हनीफ की मदद की।
गुजरात में हुए दो आतंकी हमलों का आरोपित
टाइगर हनीफ उर्फ हनीफ मुहम्मद उमेरजी पटेल को ब्रिटेन की मेट्रोपोलिटन पुलिस ने फरवरी, 2010 में भारतीय एजेंसियों की सूचना पर गिरफ्तार किया था। उसका संबंध इकबाल मिर्ची से भी बताया जाता है। वह वर्ष 1993 में गुजरात में हुए दो आतंकी हमलों का आरोपित है। हनीफ को सूरत में हुए ग्रेनेड हमले का षड्यंत्रकारी माना जाता है।इस हमले में एक स्कूली छात्रा की मौत हो गई थी, जबकि 38 लोग घायल हो गए थे।
इसके अलावा हनीफ पर भीड़भाड़ वाले एक रेलवे स्टेशन पर हथगोला फेंकने का आरोप है। इस हमले में 12 यात्री घायल हुए थे। 59 वर्षीय हनीफ ने गिरफ्तारी के बाद अप्रैल, 2013 में अपील की थी। इसके बाद मामले को ब्रिटेन के गृहमंत्री के पास भेजा गया था। वर्षो तक मामला लंबित रहने के बाद गृहमंत्री साजिद जाविद ने 2018-19 में प्रत्यर्पण से इन्कार कर दिया था। हनीफ पाकिस्तानी बस ड्राइवर का बेटा है जो बाद में इंग्लैंड में बस गया था।
क्या है अनुच्छेद 8 का प्रावधान
ब्रिटिश अदालतें आमतौर पर राजनीतिक कारणों के आधार पर या उन देशों से प्रत्यर्पण के अनुरोधों से इन्कार करती हैं, जहां किसी व्यक्ति को यातना या मौत की सजा का सामना करना पड़ता है। कई मामलों में इस आधार पर इन्कार कर दिया गया है कि प्रत्यर्पित व्यक्ति को पारिवारिक जीवन के अधिकार से वंचित कर देगा। मानवाधिकार के यूरोपीय सम्मेलन के अनुच्छेद 8 के तहत भगोड़ों के लिए ढील प्रदान करते हैं।