आजमगढ़: जनपद में प्रवासी मजदूरों को आगमन जारी, स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकाल के अनुसार उन्हें कराया जा रहा है फिसियलटी कोरंटाइन या होम कोरन्टाइन

आजमगढ़ 18 मई– जिला मजिस्ट्रेट नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया है कि वैश्विक महामारी का रूप ले चुके नोवल कोराना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव की दिशा में भारत सरकार/प्रदेश सरकार के द्वारा लगाये गये लाकडाउन को दृष्टिगत रखते हुये हजारों की संख्या में प्रवासी श्रमिकों का आगमन हो रहा हैं, जिनके स्वास्थ्य परीक्षण कर स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकाल के अनुसार उन्हें फिसियलटी कोरंटाइन अथवा होम कोरन्टाइन किया जाय। होम कोरंटाइन की स्थिति मे प्रत्येक तीसरे दिन आशा दीदी की निरीक्षण की व्यवस्था की जाय, ताकि प्रवासी श्रमिक जिन्हे होम कोरंटाइन किया गया है, के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में अद्यतन जानकारी प्राप्त कर यथा आवश्यक स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजकर उन्हें स्वास्थ्य सुविधाए उपलब्ध कराई जाय।
उन्होने बताया कि आशा की विजिट व्यवस्था आदि का कार्य मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा एवं प्रवासी श्रमिको को जहां राजस्व विभाग द्वारा शेल्टर होम में भोजन व 15 दिन के राशन दिये जाने का प्राविधान है, सरकार की मंशानुसार इन प्रवासी श्रमिकों को रोजगार/स्व-रोजगार/राशनकार्ड/जाबकार्ड/भरण-पोषण भत्ता के लिये ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, उद्योग विभाग द्वारा समुचित व्यवस्थाए की जा रही है, जिसमें जनपद स्तर से ग्राम पंचायत स्तर तक के कार्मिकों को विस्तृत निर्देश दिये जा चुके है, जिसके सम्बन्ध में समीक्षा बैठकें आयोजित कर नियमित अनुश्रवण किया जा रहा है।
इस कार्य का जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों से स्थलीय सत्यापन भी कराया जा रहा है। उक्त व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने तथा प्रवासी श्रमिकों को निर्धारित सुविधायें/रोजगार आदि के पर्यवेक्षण करने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिये हैं कि प्रवासी श्रमिक मित्र के रूप में तैनात पुरूष शिक्षक, अनुदेशक, शिक्षा मित्र द्वारा सोशल वर्कर के रूप में उपरोक्त सौंपे गये दायित्वों का निर्वहन किया जायेगा। ऐसे राजस्व ग्राम जहां पर 10 से अधिक प्रवासी श्रमिक अन्य प्रदेशो/प्रदेश के अन्य जनपदों से आये हैं, वहां पर क्षेत्रीय खण्ड शिक्षा अधिकारी से समन्वय करते हुए संबंधित उप जिलाधिकारी द्वारा पुरूष शिक्षक, अनुदेशक, शिक्षा मित्र को प्रवासी श्रमिक मित्र के पदनाम से तैनात करते हुए ड्यूटी लगायी जायेगी। इन प्रवासी श्रमिक मित्रों का मुख्य कार्य ग्राम में आये हुए सभी प्रवासी श्रमिकों वैध/अवैध (राज्य सरकार अथवा अन्य सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त कर सरकारी संसाधनों से अथवा बिना अनुमति स्वंय के संसाधन से) दोनों प्रकार के व्यक्तियों/श्रमिकों को स्वास्थ्य विभाग, राजस्व, आपदा, पंचायतीराज/ग्राम्य विकास विभाग आदि विभागों द्वारा संचालित श्रमिक कल्याण सम्बन्धी योजनाओं/कार्यक्रमों के विषय में अवगत भी कराया जायेगा तथा ग्राम स्तरीय कार्मिक यथा सचिव, लेखपाल, आशा आदि से समन्वय कर उन्हें लाभान्वित कराये जाने की दिशा में अपेक्षित कार्यवाही नियमानुसार सुनिश्चित करायी जायेगी तथा इसकी सूचना/ फीडबैंक नोडल अधिकारी के माध्यम से संबंधित खण्ड विकास अधिकारी एवं उप जिलाधिकारी को दी जायेगी।
राजस्व ग्राम के निगरानी समिति के साथ समन्वय करके प्रवासी श्रमिक मित्र द्वारा होम कोरंटाइन किए गये प्रवासी श्रमिकों को प्रत्येक तरह की सावधानी बरते जाने के लिए प्रेरित किया जायेगा। राजस्व ग्रामों के 10 छात्र छात्रायें जो निगरानी समिति के अंग हैं, उनके माध्यम से घर घर जाकर सोशल डिस्टेसिंग, मास्क/फेस कवर लगाये जाने, खांसी, जुकाम, बुखार के लिए डाक्टर से समन्वय आदि के लिए प्रेरित करेगें। शासन की संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रवासी श्रमिकों को दी जाय और प्रवासी श्रमिक के कौशल के अनुसार रोजगार/स्वरोजगार हेतु सकारात्मक काउन्सलिंग भी की जायेगी। प्रवासी श्रमिक मित्र संबंधित प्रवासी श्रमिक एवं उनके परिवार को यह प्रेरित करेंगे कि होम कोरंटाइन क्यों आवश्यक है। आशा दीदी द्वारा प्रवासी श्रमिक के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण/जांच की समीक्षा की जाय।
उन्होने कहा कि संबंधित उप जिलाधिकारी अपने परिक्षेत्र की राजस्व ग्रामों का कलस्टर बनाकर औसतन जिसमें लगभग 400 प्रवासी श्रमिक हों, उतने क्षेत्र के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने की कार्यवाही करेगें। उचित होगा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था में पूर्व से लगे हुए पर्यवेक्षकों को उनके आवंटित क्षेत्र में ही नोडल अधिकारी के रूप में तैनात कर दिया जाय, ताकि उनके द्वारा राशन वितरण के साथ-साथ प्रवासी मजदूरों के सम्बन्ध में दिए गये निर्देशों का अनुपालन भी कराया जा सके। नोडल अधिकारी के रूप में सहायक विकास अधिकारी, राजस्व निरीक्षक, अवर अभियन्ता, बाल विकास परियोजना अधिकारी, मख्य सेविकायें आदि स्तर के कार्मिक लगाये जायेगें, जो प्रवासी श्रमिक मित्र एवं खण्ड विकास अधिकारी/उप जिलाधिकारी के बीच एक कड़ी के रूप में काम करेंगे। इन नोडल अधिकारियों के द्वारा संबंधित खण्ड विकास अधिकारी एवं उप जिलाधिकारी को प्रतिदिन की कार्यवाही की रिपोर्टिंग अनिवार्य रूप से सांयकाल तक की जायेगी। उनका मुख्य कार्य होगा यह सुनिश्चित कराना होगा कि प्रवासी श्रमिकों को तहसील से राशन किट प्राप्त हो जाय। राशन कार्ड उपलब्ध हो, शूमिहीन हों, तो भोजन की समस्या न हो, की जानकारी खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से उप जिलाधिकारी को दी जायेगी।
उन्होने कहा कि प्रवासी श्रमिक जिन्हें होम कोरंटाइन किया गया है, को जाकर देखेंगे कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा होम कोरंटाइन नोटिस/निर्देश उनके घर पर चस्पा है तथा वह व्यक्ति होम कोरंटाइन के नियमों का पालन कर रहा है या नहीं। समय/समय पर सचिव ग्राम पंचायत, क्षेत्रीय लेखपाल, आशा दीदी विजिट का अनुश्रवण करते रहेगें। विकास खण्ड के सेक्टर प्रभारी जो पूर्व से राशन वितरण के लिए लगे हुए हैं, द्वारा भी इसे देखा जाय तथा खण्ड विकास अधिकारी को फीडबैक भी दिया जाय। सेक्टर प्रभारी द्वारा प्रत्येक दिन न्यूनतम 05 राजस्व ग्रामों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जायेगा, जिसमें यह देखा जाय कि कोई भी भुखमरी की स्थिति का शिकार न हो और प्रवासी श्रमिकों का सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से जुड़ाव बनाये रखा जाय।
विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी एवं तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारीगण पूर्व से संचालित अपने कन्ट्रोल रूम को और अधिक प्रभावी बनाते हुए प्रवासी श्रमिक मित्रों/नोडल अधिकारियों को एक फार्मेट देकर वांछित सूचनायें प्रतिदिन प्राप्त कर विश्लेषण करते हुए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करायेगें। इस सम्बन्ध में तहसील/ब्लाक स्तर पर ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, उद्योग, खादी ग्रामोद्योग एवं बैंकिंग आदि विकास सम्बन्धी योजनाओं से उक्त प्रवासी श्रगिकों को लाभान्वित कराये जाने के लिए पूर्णतया उत्तरदायी होगें और इस सम्बन्ध में जनपद स्तर पर समन्वय के लिए बीके मोहन उपायुक्त स्वतः रोजगार आजमगढ़ नोडल अधिकारी होगें, जिनके द्वारा मुख्य विकास अधिकारी आजमगढ़/ओवरआल प्रभारी के माध्यम से जिलाधिकारी को प्रतिदिन अद्यतन स्थिति से अवगत कराया जायेगा।
तहसील स्तर पर प्रवासी श्रमिकों को शासन की योजनाओं से लाभान्वित कराने एवं स्वास्थ्य विभाग की जारी गाइडलाइन का अक्षरशः अनुपालन कराये जाने तथा उसे लागू कराने के लिए उप जिलाधिकारी/इन्सीडेन्ट कमाण्डर उत्तरदायी होगें। इस सम्बन्ध में उप जिलाधिकारीगण के स्तर से यथा आवश्यक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को प्रवासी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराते हुए होम कोरंटाइन के सम्बन्ध में निर्देशित किया जायेगा तथा तहसील की राहत/आपदा सम्बन्धी विषयों के सम्बन्ध में अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0)/ओवरआल नोडल को अपेक्षित रिपोर्ट की जायेगी, जिनके द्वारा जिलाधिकारी को प्रतिदिन की प्रगति से अवगत भी कराया जायेगा। विकास विभाग एवं रोजगार सम्बन्धी प्रकरणों में उप जिलाधिकारीगण संबंधित खण्ड विकास अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर यथा आवश्यक मुख्य विकास अधिकारी से वार्ता कर समस्या का समाधान करायेगें। प्रवासी श्रमिक मित्रों एवं नोडल अधिकारियों का एक विस्तृत प्रशिक्षण का कार्यक्रम तैयार कर सोशल डिस्टेसिंग को बनाये रखते हुए विकास खण्ड स्तर पर उन्हें प्रशिक्षित कराया जाय तथा उन्हें विस्तृत चेकलिस्ट व रिपोर्ट किए जाने हेतु फार्मेट उपलब्ध कराये जायं, जिस पर उनसे प्रतिदिन सूचना प्राप्त की जायेगी।
उपरोक्त निर्देशों सुव्यवस्थित कार्यान्वयन की प्रक्रिया में अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) आजमगढ़ द्वारा सभी उप जिलाधिकारियों से प्रवासी श्रमिकों की सूची प्राप्त कर मुख्य विकास अधिकारी आजमगढ़ को उपलब्ध करायी जायेगी, जो क्रमशः खण्ड विकास अधिकारी व सेक्टर प्रभारी के माध्यम से सचिव ग्राम पंचायत एवं क्षेत्रीय लेखपाल को उपलब्ध करायी जायेगी। तद्नुसार समस्त संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि समय-समय पर इस सम्बन्ध में जिला मजिस्ट्रेट के स्तर से निर्गत निर्देशों, प्रदेश सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी आदि के साथ साथ उपरोक्त वर्णित निर्देशों का कड़ाई से प्रत्येक स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।