रेलवे की बदइंतजामी से यात्री बेहाल, भूखे कामगारों ने ट्रेन से उतर कर प्लेटफार्म पर लूट ली खाद्य सामग्री

नई दिल्ली। रेलवे की बदइंतजामी के चलते यात्रियों का धैर्य जवाब देने लगा है। श्रमिक स्पेशल ट्रेनें कई -कई घंटे की देरी से अपने गंतव्य तक पहुंच रही है। अपने-अपने घर लौट रहे प्रवासी भूख-प्यास से तड़प रहे हैं। भीषण गर्मी ने परेशानी और बढ़ा दी है। हालात ये हैं कि जहां भी खाना और पानी दिखता है प्रवासी टूट पड़ते हैं।

भूखे प्‍यासे लोगों ने खान-पान का सारा सामान लूट लिया

सोमवार को महाराष्ट्र के पालघाट से बिहार शरीफ जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सफर कर रहे भूखे प्यासे कामगारों ने प्रयागराज छिवकी जंक्शन पर खाद्य सामग्री के पैकेट लूट लिए। स्टाल में तोड़फोड़ की। वहां से खान-पान का सारा सामान लूट लिया। अपने परिचितों को भोजन पहुंचाने आए लोगों से भी पैकेट झपट लिया। करीब 200 से ज्यादा यात्रियों ने देखते ही देखते साढ़े छह हजार लोगों की खाद्य सामग्री लूट ली। कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर ही ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यहां केरल के पालक्कड़ से बेतिया (बिहार) जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में पानी को लेकर लूटपाट हुई तो महाराष्ट्र के बांद्रा से मधुबनी (बिहार) जा रही ट्रेन में बंद, नमकीन और मठरी को लेकर झीना झपटी की गई। यह देश के अलग-अलग हिस्‍से में देखने का मिला है।

कानपुर में पानी की लूटपाट, नमकीन के लिए छीना-झपटी

कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से रविवार रात 11 बजे से सोमवार दोपहर 3:30 बजे तक तकरीबन 85 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें गुजरीं। इस दौरान 17 खाली रैक और 2 स्पेशल ट्रेनों को भी गुजारा गया। लेटलतीफी तो तीन दिन पहले जैसी नहीं रही, लेकिन गर्मी में लोग प्यास और कोच के पंखा न चलने से परेशान नजर आए। बेतिया जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन सेंट्रल स्टेशन पहुंची तो पानी के लिए होड़ मच गई। रेलवे की ओर से पानी की बोतलों का वितरण कराने के साथ पाइप लगाकर कोच के भीतर ही लोगों को पानी उपलब्ध कराया गया। रेलवे ने यात्रियों के लिए 25-25 लंच पैकेट के तीन-तीन पैकेट बोगियों में डाले। इसे लेकर भी छीना झपटी हुई। किसी ने एक साथ चार पैकेट उठाए तो किसी को एक भी नहीं मिला।

80 घंटे विलंब रही ट्रेन 

सोमवार को एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन कोडरमा पहुंची। सूरत से मोतिहारी के लिए चली इस ट्रेन को नई दिल्ली-हावड़ा ग्रैंड कार्ड सेक्शन के मुगलसराय, गया, कोडरमा, धनबाद, और आसनसोल के रास्ते डायवर्ट कर चलाया गया। यह ट्रेन 80 घंटे विलंब से चल रही थी। ऐसे में यात्रियों को खाना-पीना उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। यात्रियों का धैर्य जवाब दे गया तो अपराह्न लगभग 4 बजे कोडरमा में यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी। यहां यात्री भोजन और पानी की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। बाद में संबंधित अधिकारियों ने बताया कि अगले स्टेशन पर भोजन की व्यवस्था है। इसके बाद यात्री माने।

घर वापसी की उम्मीद लगाए बैठे श्रमिकों को हुई निराशा 

शनिवार को मोहाली रेलवे स्टेशन से बिहार के लिए विशेष ट्रेन रवाना होनी थी। इसके मद्देनजर फतेहगढ़ साहिब के जिला प्रशासन ने पंजीकरण सूची के आधार पर 377 श्रमिकों को इस ट्रेन से रवाना करना था। मंडी गोबिंदगढ़ से उन्हें बसों में भेजा जाना था। शनिवार को ट्रेन रद हो गई। इसके बाद दो दिन ये श्रमिक एक स्कूल के मैदान में डटे रहे। सोमवार सुबह श्रमिक लिंक रोड पर एकत्रित ही हो रहे थे कि एक पुलिस दस्ता इन्हें समझाने पहुंच गया। पुलिस ने इनसे घर वापसी को लेकर संयम रखने की अपील की।

इस पर श्रमिक पुलिस कर्मियों से बहस करते हुए उग्र हो गए। सड़क किनारे पड़े ईट-पत्थर उठाकर वहां से निकलने वाले वाहनों पर मारने शुरू कर दिए। एसएचओ की सरकारी गाड़ी यहां आते ही इसके शीशे पर पत्थर मारकर तोड़ दिया गया। एसडीएम आनंद सागर शर्मा ने कहा कि शनिवार को जो ट्रेन रद हुई थी, उसके बारे में सभी श्रमिकों को शुक्रवार को ही फोन पर सूचित कर दिया गया था।

पूर्णिया जाने वाली ट्रेन छपरा भेजी गई

04066 नंबर की ट्रेन आनंद विहार से पूर्णिया जाने वाली थी। यह किसी कारणवश रूट डायवर्ट होकर गया होते हुए छपरा जाने लगी। स्टेशन प्रबंधक राजीव कमल ने बताया, स्टेशन पर गाड़ी 2:38 बजे पहुंची थी और यहां से 3:52 बजे गया के लिए रवाना हुई। डेढ़ घंटे से अधिक समय तक ट्रेन यहां रुकी रही। उन्होंने बताया कि गया में प्रत्येक दिन सैकड़ों श्रमिक उतरते है। उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही छोड़ा जाता है। गया स्टेशन पर भीड़ न हो, इसके लिए ट्रेन को डेहरी स्टेशन पर रोका गया। प्लेटफार्म खाली होने पर ट्रेन को रवाना किया गया।

बिहार में विधायक भी हुए आक्रोश के शिकार

अव्यवस्था को लेकर बिहार के बांका जिले में एक क्वारंटाइन सेंटर के पास सोमवार को प्रवासियों ने हंगामा करते हुए सड़क जाम कर दिया। इसी दौरान बेलहर के राजद विधायक रामदेव यादव भी वहां से गुजरे। वह भी प्रवासियों के आक्रोश का शिकार हो गए। विधायक का आरोप है कि उन लोगों ने उन पर हमला कर दिया, जिसमें उन्हें चोट आई। उनके अंगरक्षक का रिवॉल्वर छीनकर गाड़ी को क्षतिग्रस्त करने का भी प्रयास किया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने उन्हें बचाया।