आजमगढ़ : टिड्डी दल के आक्रमण की जनपद में संभावना, प्रशासन एलर्ट

आजमगढ़ 30 मई– उप कृषि निदेशक (कृषि रक्षा) आजमगढ़ मण्डल, आजमगढ़ गोपाल दास गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के जनपद झॉसी, ललितपुर एवं सोनभद्र में टिड्डी दल का आक्रमण हो चुका है तथा अन्य जिलों व अपने आजमगढ़ मण्डल में भी इसके आक्रमण की सम्भावना बनी हुई है। इनका दल लाखों की संख्या में गमन करता है, जिस क्षेत्र में इनका आक्रमण होता है, वहाँ का पूरा क्षेत्र वीरान हो जाता है। इनका दल फसलों को कुछ ही घंटों में चट कर जाता हैं। ये सभी फसलों एवं पेड़-पौधों की पत्तियों को खा जाते हैं। ये अपने औसत वजन दो ग्राम का दो गुना भोजन प्रतिदिन ग्रहण करती हैं। टिड्डियाँ हवा की गति व दिशा के अनुसार एक दिन में लगभग 100 से 150 किमी0 की दूरी तय कर लेती हैं। इनका दल प्रायः सूर्यास्त से लेकर सूर्योदय तक किसी न किसी पेड़-पौधों पर आश्रय लेते हैं। आश्रय के समय फसलों को खाकर नष्ट भी कर देती हैं तथा एक मादा टिड्डी 500-1500 अण्डे देती है फिर सुबह उड़ जाती है। उन्होने बताया कि इनके नियन्त्रण के लिए संस्तुत रसायनों का छिड़काव रात्रि 8 बजे से सुबह 8 बजे तक करना चाहिए। खेत की मेंडो पर पटाखे फोड़कर, थाली, ढोल, नगाड़े व टिन आदि बजाकर तेज आवाज करें, जिससे टिड्डी दल फसल में न बैठकर दूर चला जाये। क्लोरपायरीफॉस 20 प्रतिशत ईसी 1200 मिली0, या लैम्डा सायहैलोथ्रिन 5 प्रतिशत ईसी की 400 मिली व मात्रा को 500 ली0 पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर फसल में छिड़काव करें। 4 फेनबेलरेट 0.4 प्रतिशत या मैलाथियान 5 प्रतिशत धूल की 20-25 किग्रा मात्रा का प्रति हेक्टेयर की दर से बुरकाव करें। टिड्डी दल के खेत में बैठने के उपरान्त खेत की जुताई अवश्य करा दे अथवा उसमें पानी भर दे ताकि टिड्डी द्वारा दिये गये अण्ड़े नष्ट हो जाये। टिड्डी दल के प्रकोप होने की सूचना तत्काल अपने विकास खण्ड स्थित कृषि रक्षा इकाई के प्रभारी अथवा जनपद के जिला कृषि रक्षा अधिकारी या उप कृषि निदेशक (कृषि रक्षा) आजमगढ़ मण्डल आजमगढ़ के मो0 नं0-7007855099 पर दें।