इंदौर के रानीपुरा में मुंबई से आया था कोरोना, दो माह में 85 मौतें

इंदौर । यह है शहर का रानीपुरा… इंदौर का पहला कोरोना पॉजिटिव इसी इलाके में मिला था। इसी से जुड़ा है दौलतगंज, हाथीपाला, नॉर्थतोड़ा और नयापुरा। ताज्जुब की बात है कि कोरोना काल के दो महीने में इस पूरे इलाके में करीब 85 मौतें हो चुकी हैं। अप्रैल में एक समय था जब एक ही दिन में पांच-छह जनाजे भी इस इलाके से लुनियापुरा कब्रिस्तान पर पहुंचे। कोतवाली थाना पुलिस द्वारा जुटाई गई गोपनीय जानकारी में यह तथ्य मिला है। कुछ की जांच हो पाई तो अधिकांश की जांच नहीं हो पाई। इस पूरे इलाके की आबादी करीब 20 हजार है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एमजीएम मेडिकल कॉलेज इस इलाके में हुई मौतों का भी ऑडिट करेगा।

प्रशासन ने इस इलाके की कांटैक्ट हिस्ट्री की पड़ताल की तो पता चला कि जब देश में कोरोना का प्रवेश हुआ, तब यहां के कुछ स्टील कारोबारियों ने लगातार मुंबई की यात्राएं की। प्रशासन और पुलिस का मानना है कि मुंबई की आवाजाही के कारण ही यहां संक्रमण फैलने की आशंका है। रानीपुरा, दौलतगंज, हाथीपाला का यह इलाका शहर के मध्य क्षेत्र में आता है और लॉकडाउन में ढील के बावजूद प्रशासन ने इसे बड़े कंटेनमेंट एरिया में तब्दील कर दिया है। दरअसल, रानीपुरा में पॉजिटिव केस 24-25 मार्च को ही आ चुका था। उस समय 49 वर्षीय स्टील कारोबारी शहजाद अहमद पहले पॉजिटिव निकले थे। इसके बाद कुछ और लोगों की जांच भी हुई।

कोरोना से लड़ते हुए 7 अप्रैल को शहजाद की मौत हो गई थी, लेकिन इससे पहले इलाके में 5-7 मौत और हो चुकी थीं। अप्रैल की शुरुआत से लेकर करीब 20 अप्रैल तक यहां हर दिन एक-दो मौत हो रही थी। कुछ दिन तो ऐसे भी रहे, जब एक ही दिन में पांच-छह मौत हुई है। ताजा जानकारी के अनुसार 27 मई को इलाके के बुजुर्ग इमामुद्दीन हनफी और 1 जून को 75 वर्षीय जैतूनबाई की मौत हो गई। इमामुद्दीन के परिवार में तो अन्य सदस्य भी पॉजिटिव आए हैं। इनमें से उनकी पत्नी, बहू को क्वारंटाइन किया गया है।

रानीपुरा में इतनी मौतों का कारण केवल कोरोना नहीं है। कई लोग हृदय रोग, मधुमेह, रक्तचाप की बीमारियों से भी परेशान थे। कई लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल पाया। अस्पतालों में जाते थे तो वे लेने को तैयार नहीं होते थे। कई लोग तनाव और दहशत में भी चले गए। शुरुआत से ही इसे हॉट स्पॉट बना रखा था, इसलिए यहां काफी सख्ती की गई। अब तो यहां 21 दिन से कोई पॉजिटिव नहीं आया है। इसे कंटेनमेंट क्षेत्र से बाहर करना चाहिए। – शादाब अंसारी, कोरोना से मृत शहजाद का चचेरा भाई

इंदौर में रानीपुरा सहित सभी इलाकों में हुई सारी मौतों का ऑडिट किया जाएगा। इसमें डॉक्टरों की टीम लगाई गई है। पुरानी मौतों के ऑडिट में समय लगेगा। हर एक मौत की हिस्ट्री पता की जाएगी। इसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि मौत किस वजह से हुई है? -डॉ.ज्योति बिंदल, डीन एमजीएम मेडिकल कॉलेज

कब्रिस्तान की रिपोर्ट में काफी मौत दर्ज होगी लेकिन सभी कोरोना से मौत नहीं हैं। कई लोगों के उम्रदराज होने और अन्य बीमारियां होने से भी मौत हुई है। सोमवार को भी यहां के रहवासियों की बैठक लेकर सहयोग के लिए समझाया गया। आगे जैसी स्थिति बनेगी, प्रशासन द्वारा निर्णय लिया जाएगा। -पवन जैन, अपर कलेक्टर