आजमगढ़। यूपी बोर्ड से मान्यता लेने के लिए प्रबंध तंत्र की ओर से किए ऑनलाइन आवेदन में कई पत्रावलियां जिला स्तर पर रोक लिए जाने को यूपी बोर्ड सचिव ने गंभीरता से लिया। बोर्ड सचिव ने परीक्षण कराया तो वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय के आजमगढ़ में 20 पत्रावलियां क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत नहीं की गईं। इसे माध्यमिक शिक्षा परिषद की नियमावली का उल्लंघन माना। ऐसे में डीआईओएस के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव मांगा है। मान्यता लेकर विद्यालय संचालित करने के लिए यूपी बोर्ड सचिव ने ऑनलाइन आवेदन लिए थे। इस क्रम में आवेदनों के परीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्रावली क्षेत्रीय कार्यालय को भेजी जानी थी। इस क्रम में क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी की ओर से प्रस्तुत की गईं। सभी पत्रावलियों का यूपी बोर्ड मुख्यालय में हुई बैठक में मान्यता समिति ने मानकों पर परीक्षण किया। इसमें कई पत्रावलियों को स्वीकृत किया गया तो कुछ पत्रावलियों को अस्वीकृत कर दिया गया। मान्यता का प्रकरण शासन स्तर पर उठने के बाद बोर्ड सचिव ने परीक्षण कराया तो पता चला कि आजमगढ़ से 20, बलिया व मऊ से एक-एक पत्रावली संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी को दी ही नहीं की गई। इस स्थिति पर बोर्ड ने संबंधित डीआईओएस एवं क्षेत्रीय कार्यालय की कार्यशैली को संतोषजनक नहीं माना। निर्देश दिया कि संबंधित अधिकारियों की उदासीनतापूर्ण एवं गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली को ध्यान में रखते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए साक्ष्य सहित प्रस्ताव यूपी बोर्ड मुख्यालय को उपलब्ध कराएं। ताकि उनके विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की अनुशंसा शासन को भेजी जा सके।कुछ विद्यालयों द्वारा मान्यता ली गई है। इसकी पत्रावली नहीं भेजी गई है। इसे लेकर बोर्ड ने नाराजगी जताई है। ये हमारे कार्यकाल का मामला नहीं बल्कि तीन से चार वर्ष पुराना मामला है। अब बोर्ड से जैसा आदेश होगा वैसा पालन किया जाएगा।