रात्रि कर्फ्यू की आड़ में लोगों को परेशान नहीं करें राज्य, गृह मंत्रालय ने राज्यों को दिया निर्देश

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने रात्रि कर्फ्यू के दौरान बसों, ट्रकों और कामगारों को बेवजह परेशान किये जाने पर नाराजगी जताई है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा कि रात्रि कर्फ्यू का उद्देश्य गैर जरूरी कामों में लगे लोगों के जमावड़े को रोकना है, ताकि शारीरिक दूरी सुनिश्चित की जा सके। लेकिन इसकी आड़ में कई राज्यों ने हाईवे पर बसों और ट्रकों की तक की आवाजाही रोकनी शुरू कर दी जो सरासर गलत है। राज्यों को इस तरह के आवागमन को बाधित नहीं करना चाहिए।

बसों, ट्रकों और माल ढोने वाले अन्य वाहनों को रोकने की शिकायत

गौरतलब है कि अनलॉक-एक के लिए जारी दिशा- निर्देशों में गृहमंत्रालय ने रात्रि नौ बजे से पांच बजे तक पूरे देश में रात्रि कर्फ्यू लागू होने और इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाओं में लगे व्यक्तियों की आवाजाही की अनुमति दिये जाने को कहा था। शुक्रवार को लिखे पत्र में अजय भल्ला ने कहा कि कई राज्यों से इस दौरान बसों, ट्रकों और माल ढोने वाले अन्य वाहनों को रोकने की शिकायत मिल रही है।

यही नहीं, बस, ट्रेन या हवाई जहाज से उतरने के बाद अपने गंतव्य जाने वाले यात्रियों को भी कर्फ्यू का हवाला देकर परेशान किया जा रहा था। अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को साफ कर दिया कि इस तरह की आवाजाही को रात्रि कर्फ्यू की आड़ में नहीं रोका जाना चाहिए और स्थानीय व जिला प्रशासन को इस संबंध तत्काल जागरूक किया जाना चाहिए।

भल्ला ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अनलॉक–1 के लिए जारी दिशा–निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पूरे देश में रात नौ से सुबह पांच बजे तक लोगों की आवाजाही पर रोक होगी। लेकिन इस दौरान आपूर्ति चेन को बनाए रखने के लिए आवश्यक सामान को लादने और उतारने, राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गो पर बसों और ट्रकों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं होगी। साथ ही बसों, ट्रेनों और हवाई जहाज से उतरकर अपने गंतव्य को जाने वाले लोग भी इस रोक से बाहर हैं। केंद्रीय गृह सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ट्रकों और बसों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने की सलाह दी है। यह भी कहा है कि राज्यों की तरफ से इस संबंध में जिला और स्थानीय प्रशासन को भी आवश्यक निर्देश जारी किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि लॉकडाउन की बंदिशें झेल रहे देश के तमाम राज्य अब धीरे-धीरे लॉकडाउन को खोल रहे हैं मगर अभी किसी राज्य में पूरी तरह से सुविधाएं शुरू नहीं हो पा रही हैं। स्कूल-कॉलेज तो अभी किसी राज्य में नहीं खुले हैं, फिलहाल इनके अगले दो माह तक खुलने की उम्मीद भी नहीं दिख रही है। केंद्र के आदेश के बाद भी पांच राज्‍यों ने मंदिरों को खोलने की इजाजत नहीं दी है।

इसके अलावा कुछ राज्यों में मॉल और रेस्टोरेंट को अभी भी खोलने की इजाजत नहीं दी गई है, जबकि कुछ राज्यों ने अपने यहां खुद से निर्णय लेते हुए लॉकडाउन की तारीख को बढ़ा दिया है जिससे कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके।