सोलर पम्प स्थापना हेतु लाभार्थी कृषकों का चयन पूर्व की भांति पहले बैंक ड्राफ्ट लाओ-पहले सोलर पम्प पाओं

आजमगढ़ 23 सितम्बर– प्रभारी उप कृषि निदेशक डाॅ0 उमेश कुमार गुप्ता ने बताया है कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना वित्तीय वर्ष 2020-21 में जनपद आजमगढ के कृषकों हेतु विभिन्न क्षमताओं में सोलर पम्प स्थापना हेतु लक्ष्य अवशेष है। सोलर पम्प स्थापना हेतु लाभार्थी कृषकों का चयन पूर्व की भांति पहले बैंक ड्राफ्ट लाओ-पहले सोलर पम्प पाओं के आधार पर किया जायेगा।
उन्होने बताया कि 1800 वाट (2 एचपी) के 06 डीसी सरफेस सोलर पम्प हेतु 123605 रू0 निर्धारित है, जिसमें 74163 रू0 (60 प्रतिशत) कुल अनुदान तथा 49442 रू0 (40 प्रतिशत) कृषक अंश है, जो Solex Energy Limited Payable at Anand Gujrat फर्म के पक्ष में, 3000 वाट (3 एचपी) के 30 डीसी सरफेस सोलर पम्प हेतु 169370 रू0 निर्धारित है, जिसमें 101622 रू0 (60 प्रतिशत) कुल अनुदान तथा 67748 रू0 (40 प्रतिशत) कृषक अंश है, जो Solex Energy Limited Payable at Anand Gujrat फर्म के पक्ष में तथा 3000 वाट (3 एचपी) के 12 एसी सबमर्सिबल सोलर पम्प हेतु 165558 रू0 निर्धारित है, जिसमें 99335 रू0 (60 प्रतिशत) कुल अनुदान तथा 66223 रू0 (40 प्रतिशत) कृषक अंश है, जो Solex Energy Limited Payable at Anand Gujrat फर्म के पक्ष में कृषक अंश की धनराशि का बैंक ड्राफ्ट बनवाना है।
योजना का लाभ पाने के लिए इच्छुक कृषक विभागीय बेवसाइट www.upagriculture.com पर ऑन लाईन मांग कर सकते है। मांग के समय 2, 3 एवं 5 हार्स पावर का विकल्प देना होगा। 2 एचपी सरफेस सोलर पम्प हेतु जल स्तर की गहराई 22 फिट तक एवं बोरिंग 4 इंच, 3 एवं 5 एचपी समरसेबिल सोलर पम्प हेतु जल स्तर की गहराई 200 फिट तक एवं बोरिंग 6 इंच व्यास का होना चाहिए। पम्प विद्युत संचालित नही होना चाहिए।
इच्छुक पात्र कृषक सम्बन्धित फर्म के पक्ष में बैंक ड्राफ्ट बनाकर मूल प्रति सिधारी स्थित कृषि विभाग कार्यालय में जमा करें। कृषकों का चयन लक्ष्यानुसार पहले बैंक ड्राफ्ट लाओ-पहले सोलर पम्प पाओ के आधार पर किया जायेगा, किसी भी दशा में लक्ष्य से अधिक बैंक ड्राफ्ट स्वीकार नहीं किया जायेगा। तत्पश्चात उप कृषि निदेशक द्वारा उपयुक्त क्रियाशील बोरिंग, विद्युत कनेक्शन एवं जल स्तर का सत्यापन कराया जायेगा। उपयुक्त बोरिंग, जल स्तर आदि न होने पर कृषकों का चयन निरस्त कर दिया जायेगा। अतिदोहित/क्रिटिकल क्षेत्रों (पल्हनी एवं सठियांव) में सोलर पम्प की स्थापना हेतु कृषकों का चयन नही किया जायेगा, लेकिन इस क्षेत्र में उपलब्ध डीजल पम्प को सूक्ष्म तकनीक से पानी की बचत हेतु सोलर पम्प से परिवर्तित किया जायेगा।