राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2020 का आयोजन वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में हुई सम्पन्न

आजमगढ़ 24 सितम्बर 2020– राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2020 का आयोजन वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जनपद में आयुक्त आजमगढ़ मण्डल आजमगढ़ विजय विश्वास पन्त एवं जिलाधिकारी राजेश कुमार, कृषि विभाग के अधिकारी एवं प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि प्रदेश में किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए जीरो बजट खेती एवं आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना होगा। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को ब्लाक स्तर पर आकलन कर लें तथा उन्होने निर्देश दिये कि धान की पराली किसी भी दशा मंे जलायी न जाये, इसके लिए कृषकों को जागरूक किया जाय। आगामी रबी की फसल के लिए जिले में कितनी खाद की आवश्यकता है, उसका आकलन कर डिमाण्ड भेज दें। कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें।
अपर मुख्य सचिव, कृषि ने निर्देश दिये कि खाद को ई-पाॅस मशीन के द्वारा ही वितरण करायें, इसमें लापरवाही क्षम्य नही होगी। उन्होने किसान सम्मान निधि के सभी लाभार्थियों का किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के निर्देश दिये तथा कृषकों की गोष्ठी एवं प्रशिक्षण कोविड-19 के गाइड लाइन का पालन करते हुए करायें।
अपर मुख्य सचिव, पशुपालन ने कहा कि 1.60 लाख की सीमा तक के पशुपालकों का केसीसी बनाने के लिए किसी जमीन की आवश्यकता नही है तथा अतिकुपोषित बच्चों के परिवार को एक दुधारू गाय अवश्य प्रदान किया जाय।
एनआईसी आजमगढ़ में आयुक्त आजमगढ़ मण्डल आजमगढ़ विजय विश्वास पन्त ने कहा कि शासन द्वारा नामित फर्मों के द्वारा मण्डल में स्थापित किये गये सोलर पम्पों में आयी हुई कमियों या खराबी को स्थापना के बाद ठीक करने हेतु कम्पनी के द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की जाती है, जिससे कृषकों की शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं, इसके लिए निर्देश दें। जनपद मऊ में इन्दारा रजवाहा जो शारदा सहायक नहर प्रणाली के अन्तर्गत आता है, टेल एण्ड पर स्थित होने के कारण प्रणाली द्वारा इस रजवाहा में पर्याप्त पानी नहीं प्राप्त होता जबकि दोहरीघाट पम्प कैनाल के बगल से ही यह नहर निकलती है, अतः इसे दोहरीघाट पम्प कैनाल से जोड़ दिया जाय, ताकि कृषकों को पानी मिल सके। साधन सहकारी समितियों एवं सहकारिता के अन्य बिक्री केन्द्रों से फास्फेटिक एवं नत्रजनिक उर्वरकों का वितरण होता है। किन्तु पोटैशिक उर्वरक (म्यूरेट ऑफ पोटाश) का वितरण इन केन्द्रों से नहीं होता। किसानों की मांग है कि संतुलित उर्वरक प्रयोग के परिप्रेक्ष्य में सहकारिता के बिक्री केन्द्रों से एमओपी का भी वितरण कराया जाय। उद्यान विभाग में संचालित पाली हाउस योजना में कृषकों को वर्तमान में लागत का 50 प्रतिशत अनुदान प्राप्त हो रहा है। योजना की अधिक लागत के कारण सीमान्त एवं लघु कृषक धनाभाव के कारण योजना का लाभ प्राप्त करने में असमर्थ हैं। कृषकों की मॉग है कि अनुदान 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत किया जाय, जिससे छोटे किसान भी योजना से लाभान्वित हो सकें। ऐसा उत्तराखण्ड राज्य में अनुदान सीमा लागू है।
जिलाधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि कृषकों की आय बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कार्ययोजना पर कार्यवाही की जायेगी।
इस अवसर पर प्रभारी उप कृषि निदेशक डाॅ0 उमेश कुमार गुप्ता, जिला गन्ना अधिकारी अशर्फी लाल, जिला उद्यान अधिकारी सहित प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।