पूर्वांचल की गौरव कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य -डॉ0 गीता सिंह

पूर्वांचल की गौरव कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य -डॉ0 गीता सिंह
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अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य का स्वागत एवं सम्मान समारोह विश्वविद्यालय स्थित कुलपति सभागार में प्रोफेसर परशुराम पाल आधुनिक एवं हिन्दी भाषा विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय,लखनऊ की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।सम्मान में कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य जी को अंगवस्त्रम,स्मृति चिन्ह,अखिल गीत शोध दृष्टि (अंतरराष्ट्रीय शोध जर्नल की प्रति और विभिन्न पुस्तकें भेंट की गयी।इस अवसर पर डॉ0 गीता सिंह “शिक्षक श्री’एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग डी ए वी पी जी कॉलेज, आजमगढ़ ने कहा -कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य जी शैक्षिक जगत में पूर्वांचल की गौरव हैं।आपने अब तक 89 एम.फिल,90 पी-एच.डी.एवं 06 डी. लिट. कराकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।आपके 165 शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुये हैं।आपकी 08 महत्वपूर्ण पुस्तकें हिन्दी की गरिमा बढ़ा रही हैं।कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर परशुराम पाल जी ने कहा-प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य जी प्रशासनिक दक्षता की गुणी हैं इन्होंने दक्षिण चेन्नई में इससे अपना परिचय दे दिया है और यहां भी अपने कार्य से विश्वविद्यालय को आगे ले चल रहीं हैं।डॉ0 एम.पी.सिंह सैन्य विज्ञान विभाग टी डी पी जी कॉलेज जौनपुर ने कहा -आप आज की नारी सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण हैं।कार्यक्रम संयोजक डॉ0अखिलेश चन्द्र एसोसिएट प्रोफेसर शिक्षा संकाय श्री गाँधी पी जी कॉलेज, मालटारी, आजमगढ़ ने कहा -हम सभी विगत 20 वर्ष से इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हैं ।माननीय कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य जी ने अपने सूक्ष्म काल मे ही एक निपुण प्रशासक के रूप में अपनी साख बना ली।विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षा 02 सितम्बर से चलकर 30 सितम्बर को अभी समाप्त हुई है औऱ आपने अपने कार्यभार ग्रहण के 32-38 दिन में ही पूरे पूर्वांचल के क्षेत्र के कुछ परीक्षा केन्द्रों का दौरा करके यह बताने का प्रयास किया कि उनके दृष्टि में जहां जो गड़बड़ी मिलेगी उसे ठीक करूँगी।अपने कार्य से सभी का दिल जीतने वाली वो एक वरिष्ठ साहित्यकार भी है।कार्यक्रम में डॉ0राकेश यादव समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना ने कहा -आपके कुशल नेतृत्व में विश्वविद्यालय नित नई ऊंचाई प्राप्त कर रहा है।कार्यक्रम में बोलते हुये परीक्षा नियंत्रक श्री व्यास नरायन सिंह ने कहा -माननीय कुलपति जी का व्यवहार हमेशा संरक्षक का होता है हममें से जब भी कोई अधिकारी कोई काम लेकर पहुँचता है आप हमेशा उसे सही तरीके से निर्देशित करतीं हैं और तुरन्त कार्य सम्पादित करा भी देतीं हैं।भारतीय फिल्म उद्योग से पधारे फ़िल्म मुगलसराय जंक्शन के निर्देशक श्री आशीष कुमार कश्यप ने कहा -पूर्वांचल की धरती में बहुत अपार संभावनाएं हैं ।मैं अपने अगले प्रोजेक्ट पर इसी धरती जौनपुर के लाल आज के कार्यक्रम संयोजक फ़िल्म के स्टोरी राइटर डॉ0 अखिलेश चन्द्र की लिखी कहानी ‘अनकही’पर फ़िल्म निर्माण की प्रक्रिया में हूँ।इनकी कहानी पढ़कर मैं रोमांचित हो गया कि कन्या भ्रूण हत्या कितना बड़ा पाप है जिसे हर कीमत पर रोका जाना चाहिए।मैं आज अपने को यहाँ पाकर हर्षित हूँ।विश्वविद्यालय नई उचाइयां प्राप्त करें मेरी अनेक शुभकामनाएं।श्री अरविंद चित्रांश निर्माता निर्देशक ने कहा-पूर्वांचल में साहित्य,कला और संस्कृति का अनूठा संगम रहता रहा है ।हम सभी मिलकर इसे और आगे ले चलेंगे।कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कुलपति जी,एवं अध्यक्ष जी ने सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्वलित कर किया। अपने सम्मान से अभिभूत कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य ने कहा -सर्वप्रथम मैं कार्यक्रम संयोजक डॉ0 अखिलेश चन्द्र,डॉ0 गीता सिंह,एवं डॉ0 एल.पी.मौर्य जी को बधाई और आभार देना चाहूंगी जिन्होंने अपने अथक परिश्रम से यह गौरवशाली पल हम सभी को विश्वविद्यालय में उपलब्ध कराया।यहाँ मंच पर हमारे विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों को एक साथ जोड़ा।यह कार्यक्रम बहुत ही अनुशासित तरीके से 04 घण्टे से चल रहा है एक व्यक्ति भी उठकर न कहीं जा रहा है और न ही मोबाइल पर बात कर रहा है इससे हमें सीखना चाहिये।पत्रिका निकालते समय निधि शैक्षिक एवं शोध संस्थान आजमगढ़ के पैड पर डॉ0 अखिलेश चन्द्र जी एवं डॉ0 गीता सिंह जी का स्लोगन आज मुझे याद आता है-अच्छे लोग अच्छे कार्यों में सहयोगी होते हैं।जिस अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका अखिल गीत शोध दृष्टि के ये प्रधान सम्पादक हैं और डॉ0 गीता सिंह जी सम्पादक हैं उस पत्रिका से मैं भी विगत 10 वर्ष से जुड़ी हुई हूँ।यह दम्पति शैक्षिक कार्य से अपना नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर तक बना रहा है तो इसमें विश्वविद्यालय को गर्व है कि उसके सम्बद्ध महाविद्यालय में इतना बड़ा काम हो रहा है।मैं हर अच्छी चीज सबसे सीखती हूँ।अपने छोटे भी कोई सही बात बताये तो उसे मानना चाहिये।मनुष्य धीरे धीरे ही सब सीखता है और सीखने की कोई उम्र नही होती और मैं रोज सीख रही हूँ।आप सभी को यह अवगत कराते हुए मुझे यह गर्व हो रहा है कि अभी मेरी मुलाकात माननीय महामहिम राज्यपाल श्री आनन्दी बेन पटेल जी से हुई है और मैंने विश्वविद्यालय परिसर में दो नए कोर्स 1.हिन्दी विभाग की स्थापना और 2.महिला सशक्तिकरण अध्ययन केन्द्र खोलने की इच्छा जताई तो मुझे इस पर सहमति मिल गयी है और आगे मैं इसे खोलूंगी।
कार्यक्रम में कुलसचिव श्री सुजीत कुमार जायसवाल, उप-कुलसचिव-श्री अमृतलाल जी,उप-कुलसचिव-श्री अजीत प्रताप सिंह जी,वित्ताधिकारी -श्री डॉ0एम0 के0सिंह जी,श्री तोमर जी ,श्री लक्ष्मी मौर्य,डॉ0 हरिश्चंद्र मौर्य,डॉ0 पी के सिंह कौशिक,श्री श्रीनाथ यादव,डॉ0 अवनीश सिंह,डॉ0मदन मोहन पाण्डेय, डॉ0 आलमगीर अली अहमद,डॉ0 जगदेव,डॉ0 कृष्णा सिंह,डॉ0रामकुमार मौर्य,श्री राम बहादुर सिंह (प्रबंधक),श्री सुरेन्द्र मौर्य (प्रबंधक),श्री जोगेंद्र यादव,श्री चंदन मौर्य,श्री दिनेश कुमार ,सुश्री मुस्कान मौर्य(फ़िल्म एक्ट्रेस)सहित अनेकों गणमान्य मौजूद रहें।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ0अखिलेश चन्द्र ने किया।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के बाद हुआ।