इस बार के ऐसे होंगे दीपावली, दशहरा व अन्य त्यौहार, जारी किये गए नए निर्देश

आजमगढ़ 15 अक्टूबर– अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन नरेन्द्र सिंह ने अवगत कराया कि वर्तमान समय में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के बचाव तथा इस संदर्भ में उत्पन्न परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में देशव्यापी लाकडाउन के सम्बंध में भारत सरकार द्वारा कतिपय गतिविधियों को प्रारम्भ करने के सम्बंध में दिशा निर्देश (री-ओपन) तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा त्योहारों के सम्बंध में जारी एसओपी/गाइडलाइन में निर्दिष्ट दिशा निर्देशों को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में लागू करते हुए इनका अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं।जनपद में वर्तमान में विभिन्न दलों/संगठनों द्वारा विभिन्न समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन व ज्ञापन दिये जाने का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। हिन्दू समुदाय का पवित्र त्योहार नवरात्रि दिनॉक 17 अक्टूबर 2020 से प्रारम्भ होकर दिनॉक 25 अक्टूबर 2020 को दशहरा (विजयदशमी) के पर्व के साथ समाप्त होगा, नवरात्रि के पर्व पर जनपद में विभिन्न स्थानों पर देवी दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना की जाती है तथा विजयादशमी के पर्व पर इन प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है, दिनॉक 30 अक्टूबर 2020 को मुस्लिम समुदाय का त्योहार बारावफात मनाया जायेगा तथा इसी क्रम में दिनॉक 31 अक्टूबर 2020 को वाल्मिकि जयंती, दिनॉक 12 नवम्बर 2020 को धनतेरस, दिनॉक 13/14 नवम्बर 2020 को दीपावली का त्योहार, दिनॉक 15 नवम्बर 2020 को गोवर्धन पूजा, दिनॉक 16 नवम्बर 2020 को भैया दूज, दिनॉक 20 नवम्बर 2020 को छठ पूजा तथा 30 नवम्बर 2020 को कार्तिक पूर्णिमा पर्व का भी आयोजन किया जायेगा। इसी बीच शासन द्वारा आयोजित किये जाने वाली परीक्षाओं का प्रस्ताव प्राप्त होने पर विभिन्न तिथियों में इनका भी आयोजन कराया जाना होगा। इस सम्बंध में धरना-प्रदर्शनों/ जुलूसों/आन्दोलनों/सार्वजनिक कार्यक्रमों आदि के सम्बन्ध में दिये गये महत्वपूर्ण दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाना है। विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर यह समाधान हो गया है कि कुछ असामाजिक, अवांछनीय, शरारती व समाज विरोधी तत्व आसन्न त्योहारों व अन्य विविध आयोजनों के समय असामाजिक एवं समाज विरोधी गतिविधियों द्वारा शांति भंग करने का प्रयास कर सकते हैं।
जनपद में शांति-व्यवस्था बनाये रखने हेतु उपरोक्त असामाजिक एवं शरारती तत्वों के विरूद्ध निवारक कार्यवाही की त्वरित आवश्यकता हो गयी है। इस हेतु अन्य उपचार सीधे उपलब्ध न होने की दशा में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अंतर्गत आदेश प्रसारित करने के पर्याप्त आधार हैं। अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश पारित किये हैं, जो आज की तिथि से तात्कालिक प्रभाव से जनपद आजमगढ़ की सम्पूर्ण सीमा के अन्तर्गत लागू होगा।
यह आदेश जनपद की सम्पूर्ण सीमा के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से लागू होगा। समस्त प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष अपने-अपने थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आदेश का प्रभावी माध्यमों के द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार करायेंगे। समस्त उप जिला मजिस्ट्रेट, जनपद आजमगढ़ अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करायेंगे।
चूंकि उपरोक्त आदेश को तत्कालिक प्रभाव से पारित करने की आवश्यकता है और समय की कमी है। अतः यह आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किये जा रहे है, यदि कोई व्यक्ति इस आदेश के सम्बन्ध मे आवेदन करना चाहे या छूट या शिथिलता चाहे तो वह जिला मजिस्ट्रेट, अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन या सम्बन्धित उप जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन कर सकता है, जिस पर सम्यक् सुनवाई/विचारोपरांत आवेदन के सम्बन्ध मे समुचित आदेश पारित किये जा सकेगें। इस आदेश का उल्लघंन विभिन्न अधिनियमों में दिये गये प्राविधानों के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के साथ-साथ भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के अन्तर्गत भी दण्डनीय अपराध होगा। यह आदेश दिनॉक 10 दिसम्बर, 2020 तक अथवा शासन से इस सम्बंध में कोई अन्य निर्देश प्राप्त होने तक जो भी पहले हो, प्रभावी रहेगा।
—————————–