पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जन जागरूकता अभियान चलाकर प्रचार-प्रसार करायें – कृषि उत्पादन आयुक्त

आजमगढ़ 15 अक्टूबर– कृषि उत्पादन आयुक्त, आलोक सिंहा की अध्यक्षता में प्रदेश के 06 मण्डल (गोण्डा, बस्ती, गोरखपुर, अयोध्या, वाराणसी, आजमगढ़) के 22 जनपदों में वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डल स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2020 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि निवेश, पराली प्रबंधन, सिंचाई व्यवस्था, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, धान क्रय केन्द्र, एफपीओ के माध्यम से कृषकों को जोड़कर उनकी आय में वृद्धि करने आदि की समीक्षा की गयी। आयुक्त आजमगढ़ मण्डल, आजमगढ़ विजय विश्वास पन्त द्वारा एनआईसी आजमगढ़ में उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता की गयी।इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त ने समस्त मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी से कहा कि पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जन जागरूकता अभियान चलाकर प्रचार-प्रसार करायें। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत लाभार्थियों के लम्बित आवेदन पत्रों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर करना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर आयुक्त आजमगढ़ मण्डल, आजमगढ़ विजय विश्वास पन्त ने बताया कि मऊ जनपद में सोलर पम्प के मरम्मत कराने की समस्या आ रही है। इसी प्रकार पाली हाउस में अनुदान 50 प्रतिशत है, उसे और बढ़ाने की मांग की गयी है। उन्होने कहा कि इन्दारा रजवाहा को दोहरी घाट पम्प कैनाल से जोड़ने की व्यवस्था की जाय, जिससे कि उसका प्रवाह निरन्तर हो सके। बलिया जनपद में मक्के का क्रय केन्द्र बनाया जाय। म्यूरिएट आफ पोटाॅस को सहाकारिता के क्षेत्र में विपणन की व्यवस्था की जाय।प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी आनन्द कुमार शुक्ला ने कृषि उत्पादन आयुक्त को अवगत कराया कि जनपद में उर्वरक केन्द्र की दुकानों पर ई-पाॅस मशीन खराब होने पर उसकी मरम्मत प्रत्येक माह के 09 व 24 तारीख को ई-पाॅस मशीन कम्पनी के प्रतिनिधियों द्वारा की जाती है, ई-पाॅस मशीन के कम्पनी के प्रतिनिधियों को जनपद में निरन्तर कैम्प कर ई-पाॅस मशीन को बनाने हेतु निर्देशित करें। इसी के साथ ही उन्होने अवगत कराया कि जनपद में पशुपालन विभाग की 26 गोशालाएं हैं, जिसके संचालन के लिए 300 सफाई कर्मी लगाये गये हैं, गोशालाओं पर गो-सेवक रखने के लिए गाइडलाइन भेजा गया है। आगे उन्होने बताया कि जनपद में काफी दिनों से डीडी कृषि का पद रिक्त चल रहा है, जिससे कृषि कार्याें में बाधा आ रही है। आगे प्रभारी जिलाधिकारी ने बताया कि पराली के अवशेष को जलाने से रोकने के लिए निगरानी समिति बनायी गयी है एवं कन्ट्रोल रूम की भी स्थापना की गयी है, जनपद में पराली को जलाने से रोकने के लिए अच्छी व्यवस्थाएं की गयी है। उन्होने बताया कि पिछले वर्ष पराली के अवशेष को जलाये जाने के सम्बन्ध में 16 एफआईआर एवं 35000 जुर्माना लगाया गया था।इसी के साथ ही कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा प्रगतिशील किसान देवेन्द्र नाथ राय, निवासी ठेकमा, से बातचीत की गयी, जिसके दौरान प्रगतिशील कृषक द्वारा बताया गया कि फसल अवशेष प्रबंधन पर कार्य कर रहा हुॅ, जिसके अन्तर्गत गेहुॅ की बुआई हैप्पी सीडर के द्वारा करता हुॅ, जिससे 74 कु0 प्रति हे0 का उत्पादन प्राप्त किया हुॅ एवं धान की कटाई कम्बाईन हार्वेस्टर से करता हुॅ। इसी के साथ ही प्रगतिशील किसान द्वारा अवगत कराया गया कि फसल कटाई के दौरान प्रयोग की जानी वाली कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा स्ट्रारीपर अथवा स्ट्राटेक एवं बेलर का उपयोग किया जाना अनिवार्य है। जिन किसानों के पास ट्रैक्टर है, उनके हार्स पावर कम होने से उक्त मशीनों का संचालन करने में उपयुक्त नही है, अतः बैंकों से वित्तीय सहायता के लिए 05 एकड़ जमीन के बन्धक की बाध्यता को 01 एकड़ किये जाने की मांग कृषकों की तरफ से की गयी, क्योंकि इस जनपद में अधिकतर किसान सीमान्त किसान हैं। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 गुरू प्रसाद, संयुक्त कृषि निदेशक सुरेश कुमार सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ0 वीके सिंह, जिला कृषि अधिकारी डाॅ0 उमेश कुमार गुप्ता, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी संगम सिंह उपस्थित रहे।