जिला मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने बताया दीपावली का पर्व के महत्व, और दी विशेष जानकारी

आजमगढ़ 12 नवंबर– जिला मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने बताया है कि इस वर्ष दीपावली का पर्व दिनांक -14 नवम्बर 2020 को मनाया जायेगा तथा दिनांक -12 नवम्बर 2020 को धनतेरस, दिनांक -15 नवम्बर 2020 को गोवर्धन पूजा, दिनांक -16 नवम्बर 2020 को भैया दूज का पर्व, दिनांक -20 नवम्बर 2020 को डाला छठ का पर्व मनाया जायेगा। उक्त आगामी त्योहारों को सकुशल, शान्तिपूर्ण वातावरण एवं सद्भावनापूर्वक सम्पन्न कराने हेतु मजिस्ट्रियल ड्यूटी लगायी गयी है।
उन्होने बताया कि दिनॉक 19 नवम्बर 2020 व 20 नवम्बर 2020 को छठ पूजा का महापर्व मनाया जायेगा। छठ पूजा महापर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू समुदाय का महापर्व है। सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड व पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। वर्तमान समय में इस पर्व की व्यापकता पूरे भारतवर्ष में है। छठ पूजा सूर्य, उषा, प्रकृति, जल, वायु को समर्पित है तथा पृथ्वी पर जीवनदायिनी छठ मैया को धन्यवाद व शुभकामनायें प्रदर्शित करने का माध्यम है। इस त्योहार में महिलाओं द्वारा कठोर अनुष्ठान किया जाता है, जिसमें पवित्र स्नान, निर्जल उपवास, लम्बे समय तक पानी में खड़े रहकर डूबते एवं उगते सूर्य की उपासना, प्रसाद और अघ्र्य देना सम्मिलित है, साथ ही पुरुष वर्ग भी इस अनुष्ठान में उतने ही हर्ष व उल्लास के साथ सम्मिलित होता है तथा अघ्र्य सामग्री अपने सिर पर उठाकर नदी/सरोवर के किनारे तक पहुंचाता है। हिन्दू समुदाय की अपार आस्था से जुड़े इस पर्व में विभिन्न व्यवस्थायें किया जाना अपेक्षित है।
जिला मजिस्ट्रेट ने समस्त उप जिला मजिस्ट्रेट, समस्त क्षेत्राधिकारी (पुलिस), जिला पंचायत राज अधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी व अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद आजमगढ़/मुबारकपुर एवं समस्त नगर पंचायतों को निर्देश दिये कि इस महापर्व के दृष्टिगत शान्ति समितियों की प्रभावकारी बैठकें प्रत्येक थाने में कर ली जाय। ज्यादा भीड़-भाड़ वाले स्थलों/नदी/ सरोवरों के किनारों/घाटों को चिन्हित कर सुदृढ़ यातायात/सुरक्षा व्यवस्था का इन्तजाम कर लिया जाय। किसी भी प्रकार जाम की समस्या न उत्पन्न हो। इस हेतु परिवहन विभाग से प्रवर्तन दल भी सक्रिय भूमिका में रहे। प्रमुख नदियों/सरोवरों के किनारे अपने अधीनस्थ अधिकारी/कर्मचारी व पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित कर ली जाय। ड्यूटी में लगाये गये पुलिस बल समय से समुचित ब्रीफिंग कर उन्हें उनके कर्तव्यों के बारे में स्पष्ट रूप से बोध करा दिया जाय, ताकि समय पर वे मात्र मूकदर्शक न बने रहे, अपितु प्रतिक्षण शान्ति व्यवस्था बनाये रखने तथा कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने हेतु सक्रिय रहें। ऐसे स्थलों पर कोविड-19 संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के उपायों का पीएएस के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाय तथा कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन भी सुनिश्चित कराया जाय। इस महापर्व पर महिलाओं, युवक/युवतियों तथा पुरुषों की भारी भीड़ रहने के कारण मेले जैसा माहौल बना रहता है, जिससे महिलाओं के साथ छेड़-छाड़ की आशंका बनी रहती है, जिस पर विशेष सर्तकता बरते जाने की आवश्यकता है। पोखरों, तालाबों, नदियों के घाटों पर पूजा स्थलों की सफाई एवं प्रकाश की समुचित व्यवस्था भी करायी जाय। भारी वाहनों का शहर में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाय तथा नो एण्ट्री के समयावधि की पुनः समीक्षा कर ली जाय एवं आवश्यकतानुसार रूट डायवर्जन व समय में परिवर्तन कर लिया जाय तथा इसकी सूचना समाचार पत्रों, रेडियो, लोकल टीवी चैनलों के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित करायी जाय। ऐसे चिन्हित स्थलों पर सीसीटीवी एवं आवश्यकतानुसार वीडियोग्राफी की व्यवस्था किया जाय, लाउडढे़लर की व्यवस्था रखी जाय, ताकि समय-समय पर आवश्यक दिशा निर्देश प्रसारित किये जा सकें। इन्टेलिजेन्स/स्थानीय अभिसूचना इकाई को सक्रिय रखा जाय तथा उनके द्वारा रूटीन में जो भी सूचना दी जाती है, इसके अलावा विशेष रूप से सक्रियता बरतने हेतु निर्देशित कर दिया जाय। शरारती तत्वों को पहले से चिन्हित कर उन पर सतर्क दृष्टि रखी जाय तथा आवश्यकतानुसार उनके विरुद्ध प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही भी की जाय। अतीत की घटनाओं का सम्यक् अध्ययन एवं विश्लेषण करके वर्तमान परिदृश्य में उनके पड़ने वाले सम्भावित प्रभाव का आंकलन कर समय रहते निदानात्मक कार्यवाही कर ली जाय, यथा पूर्व में इस महापर्व के अवसर पर नदियों/सरोवरों में व्यक्तियों के डूबने से मुत्यु की घटनायें प्रकाश में आयी हैं। अतः घाटों पर जहाँ पानी की गहराई अधिक है, वहाँ नाव एवं गोताखोरों की व्यवस्था कर ली जाय। इस त्योहार के अवसर पर विद्युत आपूर्ति एवं सजावट के सम्बन्ध में विद्युत विभाग के अधिकारीगण के साथ वार्ता कर निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाय।
उपरोक्त सभी निर्देशों का तत्काल प्रभाव से अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा तथा उच्चाधिकारियों के साथ सतत् सम्वाद बनाये रखते हुए त्वरित रूप से प्रत्येक स्थिति से अद्यावधिक कराया जाता रहेगा। उन्होने यह भी अपेक्षा की है कि जनपद में कानून एवं शान्ति व्यवस्था कायम रखने हेतु उप जिला मजिस्ट्रेट/क्षेत्राधिकारी संयुक्त रूप से उक्त त्योहारों को शान्ति पूर्ण वातावरण में सम्पन्न कराना सुनिश्चित करेंगे। यदि किसी प्रकार की समस्या आती है, जो आप के नियंत्रण में न हो, तत्काल जिला मजिस्ट्रेट तथा पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़ एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) को सूचित किया जाना सुनिश्चित करेंगे।