आजमगढ़। प्रयास सामाजिक संगठन द्वारा नेहरू हाल में आयोजित कलमकार सम्मान में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे नामचीन शायर शकील अहमद ने जैसे ही गिरजों में, मस्जिदों में, शिवालयों में रह गया, इंसान बंटकर कितने ख्यालों में रह गया…पंक्तियां पढ़ी तो पूरा सभागार तालियों से गुंज उठा। कार्यक्रम में जिलाधिकारी के प्र्रतिनिधि के रूप में मौजूद एडीएम प्रशासन नरेन्द्र सिंह व प्रयास अध्यक्ष रणजीत सिंह ने संयुक्त रूप से श्री आजमी को अंग वस्त्रम और स्मृति चिंह प्रदान कर उनको सम्मानित किया। इसके बाद कार्यक्रम का विधिवित शुभारंभ हुआ।
दर्शकों की बेचैनी को थामते हुए शकील आजमी ने मंच संभाला और इस सम्मान के प्रति संगठन का आभार जताया। इसके बाद कैफी आजमी की लब्जों को याद करते हुए कहा कि शकील आजमी वहां से शायरी शुरू कर रहे है, जहां पर पहुंचकर मेरी शायरी दम तोड़ने वाली हैं, उन्होंने यह भी कहा था कि मेरे बाद नुमाइंदगी पर शकील आजमी का नाम होगा। आज मुझे अपने जनपद में आप लोगो से मुखातिब होने पर खुशी मिल रही है। इसके बाद उन्होंने दर्शकों को अपनी उत्कृष्ट कृति उर्मिला सुनाया…ऐसा किरदार की जिसका कोई किस्सा भी नहीं, उर्मिला राम के वनवास का हिस्सा भी नहीं.. इसके बाद रामायण के एक-एक पात्रों पर अपने सरल शब्दों में गढ़ी गयी मनमोहक नज्मों को सुनाकर श्रोताओं के दिलों में छू लिया। शायर श्री आजमी ने अपनी नज्म… अपनी मंजिल पर पहुंचना भी खड़े रहना भी, कितना मुश्किल है बड़े होकर बड़े रहना भी प्रस्तुत किया। इसके बाद हार हो जाती है जब मान लिया जाता है, जीत तब होती है जब ठान लिया सुनाया। इसके बाद खुदा भी खूब है, भगवान की मूरत भी सुंदर है, मगर जब मां नहीं होती तो घर पूरा नही होता.. आंख मिलते ही नई चाल में आ जाता है, दिल परिन्दा है तेरे जाल में आ जाता है……तेरे रोने की खबर रखती है आंखे मेरी, तेरा आंसू मेरे रूमाल में आ जाता है प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी।
मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह ने कहाकि आजमगढ़ जनपद ने साहित्य जगत को बड़े-बड़े कलमकार दिए है। हरिऔध, राहुल, कैफी की परंपरा को शकील आजमी बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं।
आंगतुकों के प्रति आभार जताते हुए प्रयास अध्यक्ष रणजीत सिंह ने कहा कि शकील साहब ने अपने गजलों के द्वारा जिले का नाम देश विदेश में रोशन कर रहे। गुलजार, कैसर मुनीर, अमिताभ भट्टाचार्य, गुंजन सक्सेना जैसे नामचीन गीतकार को पछाड़ कर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल करना गौरवान्वित करने वाला है। संचालन अतुल अंजुम ने किया। कार्यक्रम के दौरान मयकश आजमी, डॉ खालिद कमाल भारत, प्रेम गम आजमी ने गजलों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर लिया।
सम्मान समारोह में डा. शबाबुद्दीन शिब्ली कालेज, कन्हैया लाल श्रीवास्तव, पतिराम यादव, मोतीलाल अग्रहरी, शंभू दयाल सोनकर, राजीव शर्मा, शमसाद अहमद, राणा बलवीर सिंह, डीएन सिंह, डा.अलाउद्दीन खान, यशवंत सिंह, योगेंद्र चौरसिया, राजेश सिंह, डॉ वीरेंद्र पाठक, डा. हरगोविंद, रोशन लाल, योगेंद्र चौरसिया, अनीता साइलेस, प्रतिमा पांडेय, डा. पूजा पांडेय, प्रतिमा राय, संवेदना प्रकाश, पुनीता श्रीवास्तव, मीरा चौहान, स्नेहलता भट्टी, राजेश सिंह, लौटू मौर्य, शैलेश बरनवाल, अरुण मौर्य, यशवंत सिंह, ई. सुनील यादव, सी.एल. यादव, बाबूलाल आदि मौजूद है।
भवदीय
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