वरिष्ठ साहित्यकार डॉ कन्हैया सिंह का मुख्यमंत्री द्वारा किया गया सम्मान

 

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान,लखनऊ के तत्वावधान में,जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार, डॉ कन्हैया सिंह का सम्मान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित अभिनन्दन कार्यक्रम में किया गया।इस अवसर पर डॉ सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर डॉ नन्दकिशोर पांडेय के संपादन और डॉ विनम्रसेन सिंह के सह-संपादन में प्रकाशित ग्रन्थ काली मिट्टी पर पारे की रेखा का लोकार्पण मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।

अभिनन्दन समारोह की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष श्री हृदयनारायण दीक्षित एवं सञ्चालन डॉ सिंह के पौत्र,युवा साहित्यकार,इलाहाबाद केन्दीय विश्वविद्यालय ,हिंदी विभाग के आचार्य डॉ विनम्रसेन सिंह ने किया।

स्वागत व्यक्तव्य में,हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष, डॉ सदानन्द प्रसाद गुप्त ने कहा कि,*सूफी साहित्य और पाठानुसन्धान विधा के महारथी,डॉ सिंह राजनीतिक रूप से भी सक्रिय रहे हैं, आपातकाल में संघर्ष का दौर रहा हो या मात्र 35 वर्ष की अवस्था मे आज़मगढ़ नगरपालिका का अध्यक्ष चुना जाना,डॉ सिंह ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है।हिंदी संस्थान और अखिल भारतीय साहित्य परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष पद का निर्वहन रहा हो या साहित्य में पुरस्कारों की लंबी श्रृंखला, राष्ट्रपति पुरस्कार तक से सम्मानित डॉ सिंह विलक्षण प्रतिभा से युक्त व्यक्तित्व और कृतित्व को शब्दों में बांधना दुष्कर है।
विस अध्यक्ष श्री हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि, डॉ सिंह भारत-भारती की महान परम्परा में निहित साहित्यिक विचारधारा के वाहक हैं, उनका सम्मान , सम्मान को सम्मानित करना है।
मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि,डॉ सिंह से विगत 28 वर्षों से मेरा आत्मीय सम्बन्ध रहा है, साहित्य-सर्जना के क्षेत्र में वीणावादिनी के ऐसे उपासक का अभिनन्दन करना मेरे लिए गौरव का क्षण है, राष्ट्रीय और सामाजिक चिंतन की धारा को साहित्य से संयोजित कर साहित्य के माध्यम से राष्ट्र-सेवा का उन्होंने अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है।
डॉ कन्हैया सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि, गोरक्षपीठ की महान नाथ-परम्परा को महंत अवैद्यनाथ ने आगे बढ़ाने का कार्य किया,योगी जी ने उसे प्रबल वेग से प्रवाहमान किया है, प्रदेश के प्रधानसेवक के रूप में,कोरोना से संघर्ष का दौर रहा हो या समाज के कल्याण का कार्य योगी जी ने ऐसे सबल नेतृत्व का उदाहरण प्रस्तुत किया है जिससे पूरे देश मे “योगी मॉडल” अनुकरणीय बना है।
अभिनन्दन समारोह में डॉ सिंह द्वारा लिखित तीन अन्य कृतियों- महायोगी गोरखनाथ:जीवन और दर्शन
आलोचना के प्रत्यय,इतिहास और विमर्श
संस्मरणों का आलोक
का भी लोकार्पण माननीय मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।
आभार ज्ञापन हिंदी संस्थान के निदेशक डॉ श्रीकांत मिश्र ने किया।
इस अवसर पर अन्य विद्वतजनों के साथ डॉ सिंह का पूरा परिवार
मुख्यमंत्री आवास पर उपस्थित रहा।

डॉ सिंह के भतीजे डॉ पंकज सिंह ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा डॉ सिंह के अभिनन्दन से डी ए वी महाविद्यालय परिवार सहित जनपद में हर्ष व्याप्त है, ध्यातव्य हो कि डॉ सिंह डी ए वी महाविद्यालय के हिंदी विभाग के रीडर और अध्यक्ष रहे हैं।

पंकज सिंह
सहायक आचार्य
राजनीति शास्त्र विभाग
डी ए वी पी जी कॉलेज
आज़मगढ़