कोविड-19 के बढ़ते हुये संक्रमण के दृष्टिगत संक्रमित रोगियों/सम्पर्कों की सतत/गहन निगरानी की जाय – जिलाधिकारी
आजमगढ़ 05 अप्रैल– जिला मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने अवगत कराया है कि कोविड-19 के बढ़ते हुये संक्रमण के दृष्टिगत सर्विलांस गतिविधियों सम्बंध में विस्तृत दिशा निर्देश निर्गत किया गया है। उन्होने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 का संक्रमण पुनः तेजी से बढ़ रहा है, इसलिये यह आवश्यक हो गया है कि कोविड-19 से संक्रमित रोगियों/सम्पर्कों की सतत/गहन निगरानी की जाय। इस हेतु जिला सर्विलेंस अधिकारी (डीएसओ) द्वारा प्रतिदिन धनात्मक कोविड-19 केसेज की जानकारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी को उपलब्ध करायी जायेगी, जो कन्टेनमेंट जोन में सर्विलेंस गतिविधियों के संचालन के लिये नोडल अधिकारी होंगे। उन्होने कहा कि कन्टेनमेंट जोन के सर्वेक्षण हेतु आवासों की संख्या तथा टीम के निर्धारण हेतु प्रत्येक धनात्मक कोविड-19 केस को केन्द्र मानते हुये 25 मीटर रेडियस के क्षेत्र को और एक से अधिक केस के लिये 50 मीटर रेडियस के क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन बनाया जायेगा।
जनपद के वर्तमान औसत जनसंख्या घनत्व के अनुसार 25 मीटर रेडियस के क्षेत्र में लगभग 20 घर होंगे एवं 50 मीटर के रेडियस में लगभग 60 घर आयेंगे। (यह आकलन नगरीय क्षेत्रों के लिये है तथा उसमें क्षेत्रवार अंतर सम्भव है।) कोविड-19 का एकल धनात्मक रोगी पाये जाने वाले दो कन्टेनमेंट जोन में स्थित घरों को आच्छादित करने के लिये एक टीम लगायी जायेगी। एक क्षेत्र में एक से अधिक कोविड-19 पाजिटिव केस होने पर क्लस्टर मानते हुये क्लस्टर के मध्य बिन्दु को एपीसेंटर चिन्हित करते हुये 50 मीटर के रेडियस के क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन बनाया जायेगा तथा ऐसे प्रत्येक कन्टेनमेंट जोन में स्थित घरों को आच्छादित करने के लिये एक टीम लगायी जायेगी। प्रत्येक टीम अपने क्षेत्र के घरों का भ्रमण कर अपने कार्यों की रिपोर्ट निर्धारित प्रपत्र पर अंकित करेगी। प्रत्येक टीम में स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय (शहरी क्षेत्र) अथवा ग्राम विकास/पंचायती राज (ग्रामीण क्षेत्र) तथा स्थानीय प्रशासन (सम्बंधित उप जिलाधिकारी द्वारा नामित) में से एक सदस्य (कुल तीन) होंगे। कन्टेनमेंट जोन के निर्धारण तथा गतिविधि हेतु कार्ययोजना बनाते समय पल्स पोलियों अभियान की ही भाँति गतिविधि के प्रारम्भिक तथा अंतिम बिन्दु का चिन्हीकरण करते हुये कार्य सम्पादित किया जायेगा। प्रत्येक टीम के सदस्य अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर जन सामान्य को कोविड-19 रोग से बचाव तथा लक्षणों के विषय में संवेदीकरण करेंगे। साथ ही खाँसी, जुकाम, बुखार, सॉस लेने में परेशानी आदि लक्षण वाले रोगियों को चिन्हित कर ऐसे रोगियों का नाम, पूर्ण पता, मोबाइल नम्बर तथा लक्षणों का विवरण अपने प्रपत्र पर अंकित करेंगे। प्रत्येक पाँच टीमों पर एक सुपरवाइजर चिन्हित किया जायेगा, जो अपने अधीन पाँचों टीम का कार्य समाप्त होने के उपरान्त समस्त सूचनाओं का संकलन कर जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) को अपरान्ह में उपलब्ध करायेगा जो जनपद की सूचना को संकलित कर राज्य मुख्यालय को उपलब्ध करायेंगे।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि कन्टेनमेंट जोन में कोविड-19 लक्षणयुक्त पाये गये सभी व्यक्तियों की जॉच हेतु नमूना संकलित कर सम्बंधित प्रयोगशाला को प्रेषित किये जाने का उत्तरदायित्व सैम्पल कलेक्शन टीम के नोडल का होगा। यदि कोई नोडल अधिकारी चिन्हित नहीं है तो ऐसी स्थिति में उक्त दायित्व जिला सर्विलांस अधिकारी का होगा। पूर्व में यदि एक कोविड-19 पाजिटिव केस संसूचित होने के कारण कोई भी कन्टेनमेंट जोन बनाया गया है और उसी क्षेत्र में पुनः एक अथवा अधिक कोविड-19 पाजिटिव केस संसूचित होते हैं तो ऐसे क्षेत्र को क्लस्टार मानते हुये वहाँ पर 50 मीटर के रेडियस में लगभग 60 आवासों का सर्वेक्षण टीम द्वारा किया जायेगा। (इन 60 घरों में वे 20 घर भी सम्मिलित होंगे जिसका पूर्व में सर्वेक्षण किया गया है।) इस हेतु क्षेत्र में पाये गये सभी केसेज की भौगोलिक स्थिति के केन्द्र बिन्दु को एपीसेन्टर के रूप में चिन्हित किया जायेगा तथा एपीसेंटर से 50 मीटर के रेडियस में 40 पूर्व से अनाच्छादित आवास आच्छादित करने होंगे।
उन्होने कहा कि किसी बहुमंजिला भवन में एक कोविड-19 धनात्मक केस संसूचित होने की स्थिति में भवन के जिस तल पर उस केस का आवास हो उस तल को कन्टेनमेंट जोन के रूप में चिन्हित करते हुये तथा किसी बहुमंजिला भवन में एक से अधिक कोविड-19 धनात्मक केस संसूचित होने की स्थिति में सम्बंधित टावर को कन्टेनमेंट जोन के रूप में चिन्हित करते हुये उपरोक्तानुसार संवेदीकरण तथा संदिग्ध रोगियों के चिन्हिकरण की कार्यवाही की जायेगी। ऐसी स्थिति में सम्बंधित तहसील प्रशासन मुख्य चिकित्साधिकारी की सलाह के अनुसार आवश्यक निर्णय ले सकता है। कन्टेनमेंट जोन में टीम द्वारा चिन्हित किसी भी सम्भावित रोगी के चिन्हिकरण के उपरान्त 24 घंटे की अवधि में सैम्पल कलेक्ट करना अनिवार्य होगा। संलग्न प्रपत्र पर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से जनपद के प्रत्येक सक्रिय धनात्मक केस के सापेक्ष उपरोक्त दिशा-निर्देशों के अनुसार कन्टेनमेंट जोन को अंकित करते हुये जनपद के कुल विमुक्त एवं सक्रिय कन्टेनमेंट जोन्स को सूचीबद्ध करते हुये इस सूची को प्रत्येक दिन सायं 6.00 बजे तक अद्यतन कर जिला मजिस्ट्रेट तथा पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भी उपलब्ध कराया जायेगा, ताकि कन्टेनमेंट जोन की संख्या के ऑकड़ों में समरूपता की स्थिति रहे। अंतिम पाजिटिव केस के सैम्पल कलेक्शन की तिथि से 14 दिन तक सम्बंधित क्षेत्र कन्टेनमेंट जोन बना रहेगा। यदि अंतिम पाजिटिव केस के सैम्पल कलेक्शन की तिथि से 14 दिनों तक कोई अन्य केस उस क्षेत्र में नहीं पाया जाता है तो ऐसे क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन की सूची से बाहर कर दिया जायेगा। उन्होने कहा कि यह भी ध्यान रखा जाय कि प्रत्येक दिवस नवीन सूचित केसेज के सापेक्ष कन्टेनमेंट गतिविधियॉ उसी दिन पूर्ण कर ली जाय, अन्यथा की स्थिति में आगामी दिवसों में नवीन केस संसूचित होने पर कार्य लम्बित होने की स्थिति उत्पन्न होगी। उक्त सभी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने हेतु जनपद के समस्त उप जिला मजिस्ट्रेट को पूर्व में ही इन्सीडेण्ट कमांडर बनाया गया है। तहसील स्तर पर समस्त लाइन डिपार्टमेंट के अधिकारी/कर्मचारीगण इंसीडेण्ट कमांडर के दिशा निर्देशन में उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करायेंगे।