नई दिल्ली। चीन की बढ़ती दखलंदाजियों की ओर इशारा करते हुए सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने (Army Chief Gen MM Naravane) ने शुक्रवार को कहा कि इस बात को मानने की पर्याप्त कारण थे कि नेपाल ने उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाली सड़क निर्माण के मामले में किसी और के इशारे पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने चीनी सैनिकों के साथ झड़पों पर भी अपनी बात रखते हुए कहा कि सेना केस बाई केस (a case-by-case basis) के आधार पर चीन की सेना के साथ ऐसी घटनाओं को सुलझा रही है।
एक रक्षा थिंक टैंक के साथ बातचीत में जनरल नरवाने ने कहा कि भारत को उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर दो मोर्चों के लिहाज से सतर्क रहना होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वक्त में किसी टकराव की संभावना नहीं दिखाई देती है। ड्यूटी ऑफ टूर (ToD) की अवधारणा के तहत तीन साल के युवाओं को सेना में शामिल करने के प्रस्ताव पर आर्मी चीफ ने बताया कि ऐसा विचार स्कूल और कॉलेज के छात्रों की उस प्रतिक्रिया के बाद सामने आया कि वे सेना में एक स्थायी कैरियर का चयन किए बिना ही एक सैनिक जीवन का एक्सपीरियंस लेना चाहते हैं।
कैलास मानसरोवर तक की यात्रा को बेहतर बनाने के लिए उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में चीन-नेपाल बॉर्डर के पास लिपुलेख दर्रे से पांच किलोमीटर पहले तक सड़क निर्माण पर नेपाल की आपत्ति पर सेना प्रमुख ने हैरानी जताते हुए इसके पीछे चीन की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि संभावना है कि नेपाल ऐसा किसी और के कहने पर कर रहा है। सेना प्रमुख ने कहा कि मुझे इस मसले पर कोई विवाद नहीं नजर आता है। नेपाल के राजदूत ने भी कहा है कि काली नदी के ईस्ट साइड का एरिया उनका है लेकिन हम तो नदी के पश्चिम की तरफ सड़क बना रहे हैं। इस क्षेत्र में तो किसी भी तरह का विवाद नहीं है।
सेना प्रमुख ने कहा कि कोरोना संकट के कारण सेना को सरकार की ओर से मौजूदा वित्त वर्ष के लिए खर्च में 20 फीसद की कटौती करने का आदेश मिला है। सेना अपनी तैयारियों से बिना समझौता किए यानी कौशल और युद्ध क्षमता से बिना समझौता किए ही इस पर अमल कर रही है। ड्यूटी ऑफ टूर (ToD) से भी सेना के खर्चों में कटौती करने में मदद मिलेगी। मनोहर पार्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (Manohar Parrikar Institute for Defence Studies and Analyses) के ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि सैन्य खर्चों में कटौती के लिए आर्मी की टुकड़ियों के मूवमेंट में कमी लाई जाएगी।