आजमगढ़ 11 अगस्त- अभिहीत अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, डॉ0 दीनानाथ यादव ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य कारोबार का अनुज्ञापन और रजिस्ट्रीकरण) विनियम 2011 के अंतर्गत प्रत्येक निर्माता/विनिर्माता, रीपैकर, राइस मिलर एवं समस्त प्रकार के प्रसंस्करण से जुड़े खाद्य कारोबार कर्ताओ के प्रत्येक अनुज्ञप्ति धारी को पूर्व वित्तीय वर्ष के दौरान उसके द्वारा व्यवहार किए गए खाद्य उत्पादों के वर्ग के अनुसार वार्षिक विवरणी प्रारूप D-1 foscos.fssai.gov.in पोर्टल पर प्रत्येक वर्ष की 31 मई तक या इससे पूर्व फाइल किये जाने का प्रावधान है। परंतु ऐसे अनुज्ञप्ति धारी जो दूध और दुग्ध उत्पादों के उत्पादन में लगे हैं, इन नियमों की अनुसूची दो में यथा उपबंधित प्रारूप D-2 में प्रत्येक वर्ष 01 अप्रैल से 30 सितंबर और 01 अक्टूबर से 31 मार्च की अवधि के लिए छमाही रिटर्न फाइल करेंगे। यह रिटर्न अवधि समाप्त होने से 01 महीने के अंदर फाइल कर दी जाएंगी। उक्त उपबन्धों का अनुपालन ना करने पर प्रत्येक वर्ष 31 मई के बाद रिटर्न फाइल करने पर प्रतिदिन के विलंब के हिसाब से रू0 100 प्रतिदिन पेनाल्टी देय होती है।
उन्होने बताया कि वर्तमान में भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के निर्देशों के अनुक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 31 अगस्त तक रिटर्न फाइल करने पर प्रतिदिन की पेनाल्टी से मुक्ति प्रदान की गई है।
अभिहीत अधिकारी ने समस्त निर्माताओ/विनिर्माता, रीपैकर, राइस मिलर एवं प्रसंस्करण कारोबार करने वाले खाद्य कारोबार कर्ताओं को निर्देशित किया है कि अपने खाद्य कारोबार से संबंधित रिटर्न 31 अगस्त से पूर्व संबंधित पोर्टल पर ऑनलाइन दाखिल करना सुनिश्चित करें, अन्यथा की स्थिति में 31 अगस्त के उपरांत रू0 100 प्रतिदिन की दर से पेनाल्टी देय होगी, जिसका ऑनलाइन भुगतान सम्बन्धित पोर्टल पर करना होगा। जिसका संपूर्ण उत्तरदायित्व उनका स्वयं का होगा।
Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.











