ब्यूरो रिपोर्ट | आजमगढ़ |
मण्डलायुक्त ने प्रकरण में संलिप्त ग्राम प्रधान, तकनीकी सहायक, ग्राम विकास अधिकारी, से बराबर बराबर वसूली करने तथा वैधानिक कार्यवाही के दिये निर्देश
आज़मगढ़ मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने जनपद मऊ के विकास खण्ड रानीपुर अन्तर्गत ग्राम चाल्हा में मनरेगा योजना के तहत बिना कार्य कराये ही 13 लाख 70 हजार 734 रुपये का फर्जी पाये जाने पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रकरण में समान रूप से संलिप्त ग्राम प्रधान सोम प्रकाश, मनरेगा तकनीकी सहायक फलचन्द यादव एवं कार्य प्रभारी ग्राम विकास अधिकारी अल्का सिंह से भू-राजस्व की भांति बराबर बराबर धनराशि की वसूली किये जाने के साथ ही दोषियों के विरुद्ध वैधानिक एवं विभागीय कार्यवाही किये जाने हेतु जिलाधिकारी मऊ को निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि गत दिवस विख रानीपुर के ग्राम चाल्हा निवासी अशोक कुमार ने मण्डलायुक्त को इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया था कि उनके गाॅंव में ग्राम प्रधान सोमप्रकाश द्वारा बिना कार्य कराये मनरेगा योजना के अन्तर्गत बिना कार्य कराये 7 कार्यों का भुगतान करा लिया गया है जिसमें मनरेगा के तकनीकी सहायक फूलचन्द यादव तथा ग्राम विकास अधिकारी अल्का सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका है। मण्डलायुक्त ने शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराये गये अभिलेखों के आधार पर प्रकरण को प्रथम दृष्टया शासकीय धन के दुरुपयोग का मामला पाते हुए सभी 7 कार्यों की जाॅंच की जिम्मेदारी टीएसी (प्राविधिक परीक्षक, ग्राम्य) आज़मगढ़ मण्डल केआर प्रजापति को सौंपी। टीएसी ने अपनी जाॅंच रिपोर्ट में मण्डलायुक्त को अवगत कराया कि मामले की जाॅंच के सम्बन्ध में बार-बार स्पष्ट रूप से निर्देश दिये जाने के बावजूद ग्राम विकास अधिकारी द्वारा जाॅंच के समय मात्र दो कार्यों के अभिलेखों को उलब्ध कराया गया। शेष 5 कार्यों से सम्बन्धित अभिलेखों को उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसके बीडीओ द्वारा मनरेगा की वेबसाइट से प्राप्त विवरण उपलब्ध कराया गया जिसे साक्ष्य में लेते हुए स्थलीय जाॅंच की गयी।