समीक्षा बैठक में बोले जिलाधिकारी किसी भी स्तर पर मनरेगा श्रमिकों के साथ लापरवाही बर्दास्त नही की जायेगी

कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत लाकडाउन की अवधि में ग्राम पंचायतों में हैण्ड मरम्मत/रीबोर, व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण, सामुदायिक शौचालय का निर्माण, नालों की सफाई कराये जाने एवं मनरेगा के कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उक्त के क्रम में ग्राम पंचायतों में उक्त संचालित कार्याें की समीक्षा हेतु जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह द्वारा विकास खण्ड ठेकमा के सभागार में मार्टीनगंज, ठेकमा, मुहम्मदपुर, लालगंज व तरवाॅ के ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), तकनीकी सहायक, एपीओ व खण्ड विकास अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गयी।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने उक्त अधिकारियों से कहा कि इस आपदा के समय में हम सभी की जिम्मेदारी है कि लोगों को सुरक्षा प्रदान करें और इसी के साथ ही जो भूमिहीन खेतीहर मजदूर, सीमान्त कृषक आदि के समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करें। यह भी सुनिश्चित करें कि आपके संबंधित क्षेत्रों में कोई भी व्यक्ति भूख से न मरे, उनके लिए खाद्यान्न की उपलब्धता करायें।
जिलाधिकारी ने कहा कि जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री वितरण कराना, योजनाओं से जोड़ना, स्वास्थ्य का पाठ पढ़ाना तथा सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करने के लिए जागरूक करें। इसी के साथ ही हम सभी को प्रशासनिक ईकाई के रूप में प्रस्तुत करने की जरूरत है।
जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो लोग जनपद में विदेश या बाहर से आ रहे हैं उनकी सूची बनाना सुनिश्चित करें एवं उनको कोरेन्टाइन करायें। आगे जिलाधिकारी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति ग्रामों में बिना सूचना के बाहर से आया हो, इसकी सूचना उप जिलाधिकारी को उपलब्ध करायें। इसी के साथ ही अपने संबंधित ग्रामों में भूमिहीन खेतीहर मजदूर एवं भूमिहीन शिल्पकार की सूची बनायें एवं उसमें यह सुनिश्चित करें कि कितने अन्त्योदय कार्ड धारक एवं पात्र गृहस्थी कार्ड धारक हैं तथा इन कार्डधारकों में कितने लोग मनरेगा के सक्रिय जाब कार्ड धारक हैं या श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिक हैं। इसी के साथ ही यह भी देखें कि इसमें कितने लोग पेंशन पा रहे हैं, इसकी सूची बनाकर उपलब्ध करायें।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि मनरेगा का उद्देश्य गरीबों को अवस्थापना के कार्य के साथ मजबूती प्रदान करना है। उन्होने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि अन्य प्रदेशों से जो प्रवासी मजदूर आ रहे हैं, उनको मनरेगा में पंजीकरण कराकर कार्य दिलायें और यदि उनका स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शौचालय पूर्ण नही है, उसको भी पूर्ण करायें। किसी भी स्तर पर मनरेगा श्रमिकों के साथ लापरवाही बर्दास्त नही की जायेगी। उन्होने बताया कि कोरोना से निगेटिव प्रभाव के साथ-साथ पाजीटिव भूमिका भी बढ़ी है, इससे लोगों मंे सफाई के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
उन्होने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो अपने संबंधित एमओआईसी व खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से उप जिलाधिकारी को बतायें, उसका ईलाज होगा। यदि कोई व्यक्ति गम्भीर बिमारी से पीड़ित हो तो 102 एवं 108 एम्बूलेंस मरीज को अस्पताल में ले जायेगा और ईलाज के बाद घर पर वापस पहुॅचायेगा।
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये कि ऐसे व्यक्ति जिनके पास न अन्त्योदय कार्ड, न ही पात्र गृहस्थी कार्ड, न ही मनरेगा के सक्रिय जाब कार्डधाकर एवं न ही श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिक हैं और न ही उनके पास आधार व बैंक खाता हैं, ऐसे व्यक्तियों को एक-एक सप्ताह के लिए लाकडाउन की अवधि तक राशन उपलब्ध कराते रहें एवं इनका आधार नम्बर व बैंक खाता खुलवायें एवं राशन कार्ड बनवाने के लिए डीएसओ व आपूर्ति निरीक्षक से समन्वय स्थापित कर राशन कार्ड बनवायें। यह भी ध्यान रखें कि यदि ऐसे कोई व्यक्ति जो किसी भी योजनाओं से आच्छादित न हो उनको 1000 रू0 की अनुमन्य सहायता राशि उपलब्ध करायी जाय।
इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्राम पंचायतवार कम्यूनिकेशन प्लान बना लें और इस कम्युनिकेशन प्लान में ग्राम पंचायतों के 10 विभिन्न समुदाय से संबंधित व्यक्तियों को चिन्हित कर कम्युनिकेशन प्लान में शामिल करें। इसी के साथ ही उन्होने यह भी निर्देश दिये कि आपदा के समय प्रत्येक महत्वपूर्ण चीजों को अपने पास रखें, जिसमें ग्राम पंचायतवार रजिस्टर, सेनेटाइजर, मास्क, गमछा साथ में रखें।
इसी के साथ ही जिलाधिकारी द्वारा बैठक में उपस्थित लोगों में सेनेटाइजर का वितरण किया गया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आनन्द कुमार शुक्ला, डीसी मनरेगा बीबी सिंह, डीपीआरओ श्रीकान्त दर्वे, संबंधित विकास खण्डों के ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), तकनीकी सहायक, एपीओ व खण्ड विकास अधिकारी उपस्थित रहे।