बिना सूचना के आरहे प्रवासी मजदूरों की प्रत्येक ग्राम में निगरानी समिति करें जांच – जिलाधिकारी
आज़मगढ 09 मई — जिलधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि जनपद में अन्य प्रदेशों से आ रहे प्रवासी व्यक्तियों के संबंध में विन्दुवार शासन द्वारा विस्तृत निर्देश दिये गये हैं। जिसके क्रम में दिये गये जो प्रवासी व्यक्ति/मजदूर, जो जनपद में आ रहे है, उनका सम्यक ढंग से स्वास्थ्य परीक्षण के पश्चात यथावश्यकता फैसेलिटी क्वारेन्टाइन अथवा होम क्वारेन्टाइन किया जाना है।……………..इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने बताया कि अनेक ऐसे प्रवासी मजदूर/ व्यक्ति हैं जो सीधे रोडवेज बस स्टेशन आजमगढ़ पर आये हैं और उनका स्वारथ्य परीक्षण कराने के पश्चात अग्रेतर कार्यवाही की जाये, ऐसे प्रवासी मजदूर होंगे जो आसपास के जनपद में रेल से यात्रा करके आयेंगे, वहां से रोडवेज बस द्वारा आजमगढ़ रोडवेज पर भेजे जायेंगे तथा वहां पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराकर अग्रेतर कार्यवाही की जायेगी। अनेक प्रवासी मजदूर रेल से यात्रा करके आजमगढ रेलवे स्टेशन आयेंगे, जहां पर स्वास्थ्य परीक्षणोपरान्त वहीं से, जिनमें संदिग्धता नहीं पायी जायेगी, रोडवेज बसों के द्वारा उनके गन्तव्य तक पहुंचाया जायेगा तथा उन्हें होम क्वारेन्टाइन कराया जायेगा। अन्य जनपदों के लोगों को रोडवेज द्वारा उनके गन्तव्य तक पहुंचाया जायेगा। स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान जो संदिग्ध होंगे उनको मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित एस0ओ0पी0 के तहत कार्यवाही की जायेगी। ……………..जिलाधिकारी ने कहा कि कुछ ऐसे लोग होंगे जो अपने निजी वाहनों के द्वारा अन्य प्रान्तों से नोडल अधिकारी एवं कलेक्टर्स द्वारा अनुमति प्राप्त करके आ रहे होंगे,जिसकी प्रतियां भी सूचना के तौर पर यहां आती है, उनके विषय में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) का दायित्व होगा कि वह मुख्य चकित्सा अधिकारी के माध्यम से संबंधित प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं उप जिलाधिकारी को सूचित कर दें ताकि उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराकर अग्रेतर कार्यवाही कराते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित एस0ओ0पी0 के तहत कार्यवाही की जाये। ………………….उन्होने बताया कि जो लोग नियमों का पालन करके तथा सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त करके या पंजीकरण कराकर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित परिवहन व्यवस्था से आ रहे हैं उनके लिए तो होम क्वारेन्टाइन के अन्तर्गत निर्धारित प्रक्रिया की निगरानी कराये जाने की व्यवस्था है शासन के गाईडलाइन के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान, आंगनवाड़ी, आशा चैकीदार, युवक मंगलदल के प्रतिनिधि, पड़ोसी तथा नगरीय क्षेत्रों में सभासद के अतिरिक्त मुहल्ला निगरानी समिति, आशा, आंगनवाड़ी, नगर निकाय के क्षेत्रीय कार्मिक आदि होंगे। …………………जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियोें को निर्देश दिए कि जो लोग बिना किसी की अनुमति के व बिना किसी सूचना के पधार रहे हैं उनके सर्विलांस के लिए जनपद में प्रत्येक राजस्व ग्रामों में निगरानी समितियाँ गठित करे, जो इस बात की दृष्टि रखेगी कि कोई भी व्यक्ति उस गांव में प्रवेश करे तो उसे गांव के बाहर विद्यालय आदि में रोक कर संबंधित उप जिलाधिकारी व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को सूचित करे तथा उनके संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित एस0ओ0पी0 के तहत अग्रेतर कार्यवाही की जाय।…………..उन्होने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में गठित निगरानी समिति में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, सचिव, लेखपाल, आंगनवाड़ी, आशा व चैकीदार के साथ-साथ गांव के पोस्ट ग्रेजुएट,ग्रेजुएट अथवा इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण जागरूक व कियाशील नवयुवक व नवयुवतियों को भी सदस्य बनाया जाये। प्रत्येक राजस्व ग्राम में निगरानी समिति के सदस्यों की संख्या न्यूनतम 11 रखी जाये। समिति में युवक, युवतियां दोनों को भी सम्मिलित किया जाये। इनका चयन उस राजस्व ग्राम के समस्त समुदायों और मजरों के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए किया जायेगा। राजस्व ग्राम निगरानी समितिवार प्रत्येक सदस्यों का टेलीफोन नम्बर लेखपाल फीड करेंगे और प्रतिदिन सुबह तथा शाम को दो बार समिति के न्यूनतम तीन सदस्यों से अवश्य पूछतांछ करेंगे। इन सबके नियमित अनुश्रवण एवं उनकी बैठक की भी व्यवस्था की जाये। उचित होगा कि प्रत्येक दो दिन पर ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में बैठक अवश्य कर लिया जाये। नगरीय क्षेत्रों के अन्तर्गत प्रत्येक मुहल्ले में गठित की जाने वाली निगरानी समिति में वार्ड का पार्षद,प्रत्येक घर पर कोई जागरूक व क्रियाशील युवा या युवतियों को, स्वयंसेवी संस्था, सेवानिवृत्त शासकीय अधिकारी/ कर्मचारी, नगर निकाय का क्षेत्रीय कर्मचारी सहित प्रत्येक वार्ड में निगरानी समिति के सदस्यों की संख्या न्यूनतम 11 रखी जाये। समिति में युवक,युवतियां दोनों को भी सम्मिलित किया जाये, इनका चयन उस वार्ड के पार्षद द्वारा मुहल्लों/घरों के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए किया जायेगा । इस निगरानी समिति के कार्यों को पूर्णतया सुव्यवस्थित रूप से और नियमित ढंग से अनुश्रवण किया जाये ताकि जो भी व्यक्ति गांव एवं शहर में प्रवेश करें, उनपर पूर्ण निगरानी रखी जा सके।उपरोक्त सभी क्षेत्रों में निगरानी समितियों के गठन का नेतृत्व इन्सीडेन्ट कमाॅन्डर के रूप में उप जिलाधिकारीगण करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में उनका सहयोग खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी(पंचायत) करेंगे तथा नगरीय क्षेत्रों में अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका/नगर पंचायतें इस हेतु उत्तरदायी होंगे। जनपद स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समितियों के गठन व आवश्यक प्रशिक्षण आदि कार्यों का सम्पादन मुख्य विकास अधिकारी द्वारा तथा नगरीय क्षेत्र में निगरानी समितियों के गठन व आवश्यक प्रशिक्षण आदि का कार्य अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) करेंगे।अपेक्षा की जाती है कि ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में निगरानी समितियों के गठन व निगरानी समितियों का दायित्वबोध प्रशिक्षण 48 घण्टे में पूर्ण कराकर प्रस्तुत किया जाये। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसे सर्वोच्च प्राथमिकता एवं तत्कालिकता प्रदान करते हुए ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में निगरानी समितियों का गठन करायें ताकि कोरोना संक्रमण के रोकथाम की दृष्टि से इनका लाभकारी उपयोग सम्भव हो सके।