आजमगढ़ के समस्त न्यायालय आज से कतिपय शर्ताें के अधीन किये जायेंगे क्रियाशील

आजमगढ़ 08 जून– जनपद एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया है कि जनपद आजमगढ़ के समस्त न्यायालय दिनांक 08 जून 2020 से कतिपय शर्ताें के अधीन क्रियाशील किये जायेंगे। उन्होने बताया कि जनपद न्यायालय, आजमगढ़ के समस्त न्यायालय दिनांक 08 जून 2020 से मौजूदा प्राविधानों, नियमों, दिशा-निर्देशों और समय-समय पर निर्गत परिपत्रों के तहत न्यायिक कार्य और प्रशासनिक मामलों हेतु खुले रहेंगे। प्रकरणों की वरीयता के सम्बन्ध में निर्गत दिशा-निर्देशों का समस्त न्यायिक अधिकारीगण द्वारा कड़ाई से अनुपालन किया जायेगा।
उन्होने बताया है कि विचाराधीन बन्दियों से सम्बन्धित रिमाण्ड/अन्य न्यायिक कार्य मात्र वीडियो कान्फ्रेन्स के द्वारा किया जायेगा। यदि कोई तकनीकी समस्या उत्पन्न होती है तो अन्य साधन अपनाकर किया जायेगा। इस हेतु आवश्यकतानुसार जिट्सी वीडियो कान्फ्रेन्स का प्रयोग किया जा सकता है। चूंकि सभी न्यायालय खोले जा रहे हैं इसलिए उन सभी न्यायालयों के पीठासीन अधिकारीगण अपने-अपने न्यायालयों से सम्बन्धित रिमाण्ड कार्य सम्पादित करेंगे। यदि उनमें से कोई पीठासीन अधिकारी ग्रीष्मावकाश/अवकाश पर हैं तो उस न्यायालय का कार्य उसके प्रभारी अधिकारी द्वारा सम्पादित किया जायेगा। न्यायिक सेवा केन्द्र का उपयोग अधिवक्ता/वादकारियों से नये प्रकरणों/आवेदनों को प्राप्त करने के लिए किया जायेगा। सभी ऐसे प्रकरणों/आवेदनों को सीआईएस में पंजीकृत किया जायेगा। ऐसे आवेदनों पर अधिवक्ता/वादकारियों का पूर्ण विवरण मय मोबाईल नम्बर अंकित किया जायेगा। यदि प्रकरणों/आवेदनों में कोई त्रुटि पायी जाती है तो उसी दिवस को सम्बन्धित अधिवक्ता को सूचित किया जाय। कम्प्यूटर अनुभाग/न्यायिक सेवा केन्द्र पर पहुंचने वाले सभी विद्वान अधिवक्तागण को कम्प्यूटर अनुभाग में कार्यरत कर्मियों द्वारा “ई-कोर्ट ऐप’’ के संचालन के विषय में जानकारी प्रदान की जायेगी, जिससे वे उस ऐप के माध्यम से सूचीबद्ध प्रकरणों/काज लिस्ट को देख सकें।
उन्होने बताया है कि स्थिति यह है कि यदि जिला प्रशासन/मुख्य चिकित्साधिकारी का यह मत होगा कि जिला न्यायालय परिसर एक निश्चित समयावधि के लिए बन्द कर दिया जाय या जनपद न्यायाधीश की यह राय बनती है कि जिला न्यायालय को एक निश्चित अवधि के लिए बन्द कर दिया जाय, उस स्थिति में जनपद न्यायालय उस अवधि तक के लिए बन्द कर दिया जायेगा तथा उस विशिष्ट कारण को दर्शित करते हुए सूचना माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद प्रेषित की जायेगी। यह उल्लेखनीय है कि जनपद आजमगढ़ में इस समय कोई वाह्य न्यायालय क्रियाशील नहीं है।
उन्होने निर्देश दिये हैं कि जनपद न्यायालय परिसर खोले जाने से पूर्व व उसके पश्चात् दिन-प्रतिदिन यह सुनिश्चित किया जायेगा कि उस परिसर का पूर्ण स्वच्छीकरण व सफाई (चिकित्सीय दिशा-निर्देशों के अनुसार) जिलाधिकारी, अन्य प्रशासनिक अधिकारीगण तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की सहायता प्राप्त कर कराया जाय एवं जिला प्राधिकारीगण प्रतिदिन उस परिसर का स्वच्छीकरण किया जाना सुनिश्चित करेंगे।
माननीय उच्च न्यायालय की अपेक्षानुसार जनपद न्यायालय परिसर का सेनेटाईजेशन चिकित्सीय दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रतिदिन कराया जाय। जिस भी दिन स्वच्छीकरण व सफाई का कार्य न्यायालय परिसर में नहीं किया जाता है उस दिन न्यायालयों को न्यायिक कार्य हेतु नहीं खोला जायेगा और उस दशा में उक्त तथ्य की सूचना जनपद न्यायाधीश द्वारा तत्काल जिला प्रशासन को की जायेगी तथा विस्तृत आख्या माननीय उच्च न्यायालय को यथाशीघ्र प्रेषित की जायेगी। माननीय उच्च न्यायालय की अपेक्षानुसार न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जॉच थर्मल स्कैनर से की जायेगी, जिस हेतु जिलाधिकारी तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की सहायता प्राप्त किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। मुख्य चिकित्साधिकारी, आजमगढ़ द्वारा कुल 04 थर्मल स्कैनर उपलब्ध कराये गये हैं। जनपद न्यायालय, आजमगढ़ के समस्त न्यायालय दिनांक 08 जून 2020 से संचालित होंगे, जिससे न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले अधिवक्ताओं/वादकारियों की संख्या वर्तमान समय की संख्या से ज्यादा होगी। अतः जिला प्रशासन एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से यह अपेक्षा है कि वे पर्याप्त संख्या में थर्मल स्कैनर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, ताकि न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जांच सुगमतापूर्वक सुनिश्चित की जा सके।
जनपद न्यायाधीश द्वारा जिला प्रशासन से परामर्श करके दिन-प्रतिदिन यह निर्धारित किया जाता रहेगा कि जनपद में कन्टेनमेण्ट जोन के परिपेक्ष्य में आसन्न खतरा या उसका स्तर क्या है तथा उसकी प्रतिदिन स्थिति क्या है। इस हेतु माननीय उच्च न्यायालय का पूर्व में निर्देश प्राप्त हुआ था, जिसके अनुपालन में जिलाधिकारी से यह अपेक्षा की गयी है कि वे इस सम्बन्ध में जनपद आजमगढ़ की वर्तमान स्थिति से यथाशीघ्र अवगत कराते हुए भविष्य में भी प्रतिदिन इस बिन्दु पर परामर्श सूचक आख्यायें प्रेषित करते हुए अवगत कराते रहें, ताकि आसन्न खतरा (कोविड-19 का) के स्तर का निर्धारण किये जाने की प्रक्रिया अनवरत व सुचारू रूप से चलती रहे। प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देशित किया गया कि वह वीडियो/इलेक्ट्रानिक साधनों के द्वारा न्यायिक कार्य के सम्पादन के सम्बन्ध में न्यायालय के सभी हितधारकों (स्टाॅक होल्डर्स) को आवश्यक जागरूकता अभियान हेतु सहायता प्रदान करेंगे तथा इस हेतु पम्पलेट, मीडिया व अन्य माध्यमों से प्रचार-प्रसार करके आवश्यक जागरूकता उत्पन्न करेंगे। प्रिन्ट मीडिया में न्यायालय की कार्यवाही के समस्त स्थानीय तौर-तरीकों/कार्य योजना का प्रकाशन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा। इस हेतु पैरा लीगल वालेण्टियर्स की आवश्यक सहायता ली जायेगी।