कन्टेन्मेन्ट जोन की परिभाषा व उनकी सीमा/परिधि की गयी निर्धारित, जाने क्या है ख़ास बात

आजमगढ़ 14 अक्टूबर– अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) नरेन्द्र सिंह ने बताया है कि कन्टेन्मेन्ट जोन की परिभाषा व उनकी सीमा/परिधि निर्धारित की गयी है।
अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) ने समस्त एसडीएम से कहा है कि कोविड-19 महामारी के संक्रमण की वर्तमान स्थिति के दृष्टगत कन्टेन्मेन्ट जोन व उसकी सीमा/परिधि पारिभाषित/निर्धारित की गय है, जिसके अन्तर्गत किसी एक घर में एक या उससे अधिक संक्रमण के प्रकरण पाए जाने पर अगल-बगल के अधिकतम एक-एक घर तक माइक्रो कन्टेन्मेन्ट जोन बनाया जाएगा और माइक्रो कन्टेन्मेन्ट जोन में पड़ने वाले समस्त घरों की जॉच कर सक्रिय केस चिन्हित किए जाएंगे तथा टेस्टिंग प्रोटोकाल के अनुसार जॉच का कार्य किया जाएगा। एक से अधिक घरों में संक्रमण के प्रकरण पाए जाने पर, जिन घरों में संक्रमण के प्रकरण आए हों, उनके अगल-बगल के घरों तक के क्षेत्र को क्लस्टर जोन माना जाएगा तथा तदनुसार पेरीमीटर कन्ट्रोल भी रहेगा। इसका निर्धारण स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जाएगा। क्लस्टर कन्टेन्मेन्ट जोन में पड़ने वाले समस्त घरों में सक्रिय केस चिन्हित करते हुए प्रोटोकाल के अनुसार टेस्टिंग की कार्यवाई की जाएगी।
आवासीय बहुमंजिला सोसाइटियों के सम्बन्ध में कन्टेन्मेन्ट जोन घोषित करने हेतु नीति अपनाई जाएगी, जिसमें यदि एकल-तल पर सक्रिय केस पाया जाए तो ऐसा तल सील कर दिया जाएगा। यदि एक से अधिक तलों पर सक्रिय केस पाए जाए तो सम्बन्धित तल ही सील कर दिया जाएगा। यदि एक सोसाइटी में एक से अधिक टॉवरों में सक्रिय केस पाए जाते हैं तो ऐसी सोसाइटी में सम्बन्धित टॉवरों तथा सार्वजनिक प्रयोग के स्थानों यथा- पार्क, जिम, तरण-ताल, बैंक्वेट हॉल आदि को भी कन्टेन्मेन्ट जोन में शामिल करते हुए तत्काल प्रभाव से बन्द कर दिया जाएगा, जिससे संक्रमण का प्रसार अन्य व्यक्तियों में न होने पाए। ऐसे भवनों को पूर्ण रूप से सेनेटाइज/निसंक्रमित करने के उपरांत ही पुनः प्रयोग किया जाएगा। यदि एक ही आवास में एक से अधिक सक्रिय केस पाए जाएं तो उस दशा में इसे सिंगल केस मानकर ही कन्टेन्मेन्ट जोन निर्धारित किया जाए।
अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) ने समस्त एसडीएम को निर्देश दिये हैं कि वाणिज्यिक/औद्योगिक/कार्यालय भवनों के परिसर में कन्टेन्मेन्ट जोन घोषित करने हेतु नीति अपनाई जाएगी, जिसमें ऐसे स्थानों पर जहाँ सक्रिय केस/मरीज काम करता रहा हो, उन स्थानों को संक्रमण के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से सेनेटाइजेशन/ निसंक्रमित करने हेतु 24 घण्टे के लिए तत्काल प्रभाव से बन्द कर दिया जाएगा। कोविड-19 प्रोटोकाल के दृष्टिगत सेनेटाईजेशन/निसंक्रमित करने के सम्बन्ध में होने वाले व्यय को ऐसे भवनों के अध्यासियों द्वारा वहन किया जाएगा। ऐसे भवनों को पूर्ण रूप से सेनेटाइज/निसंक्रमित करने के उपरांत ही पुनः प्रयोग किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों के अन्तर्गत किसी एक घर में एक या उससे अधिक संक्रमण के प्रकरण पाए जाने पर अगल-बगल के अधिकतम एक-एक घर तक माइक्रो कन्टेन्मेन्ट जोन बनाया जाएगा और माइक्रो कन्टेन्मेन्ट जोन में पड़ने वाले समस्त घरों की जॉच कर सक्रिय केस चिन्हित किए जाएंगे तथा टेस्टिंग प्रोटोकाल के अनुसार जॉच का कार्य किया जाएगा। यदि गाँव में एक से अधिक केस (क्लस्टर) हैं तो जिन घरों में संक्रमण के प्रकरण आए हों, उनके अगल-बगल के घरों तक के क्षेत्र को क्लस्टर जोन माना जाएगा तथा तद्नुसार पेरीमीटर कन्ट्रोल भी रहेगा। इसका निर्धारण स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जाएगा। क्लस्टर कन्टेन्मेन्ट जोन में पड़ने वाले समस्त घरों में सक्रिय केस चिन्हित करते हुए प्रोटोकाल के अनुसार टेस्टिंग की कार्यवाही की जाएगी। सभी कन्टेनमेन्ट जोन के लिए पेरिमीटर (पेरीमीटर) कन्ट्रोल की व्यवस्था की जाएगी।