कृषकों को कम लागत में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने को लेकर कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा की गई चर्चा

कृषि विभाग आजमगढ द्वारा प्रसार सुधार (आत्मा) योजनान्तर्गत विकासखण्ड अहिरौला, अतरौलिया एवं पवई में कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए विकास खण्ड स्तरीय गोष्ठियो का आयोजन किया गया।
कृषि विश्वविद्यालय, केन्द्रीय शोध संस्थानों के शोध एवं प्रगतिशील कृषकों तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा क्षेत्र भ्रमण एवं कृषकों से चर्चा के आधार पर प्राप्त शोध एवं अनुभव के अनुसार कृषकों को कम लागत में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने, सहफसली खेती, व्यवसायिक खेती करने तथा खेती के साथ-साथ पशुपालन, मौन पालन, मत्स्य पालन, कुक्कुट उद्योग, रेशम कीट पालन के बारे में कृषि विज्ञान केन्द्र कोटवा, आजमगढ़ के वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षित किया गया। वर्तमान खरीफ में कम्बाईन हार्वेस्टर से कटाई के उपरान्त फसल अवशेषों को भूमि में दबाकर सड़ा देने से मृदा में जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ाने एवं जल संचय क्षमता तथा मित्र कीटों/जीवाणुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। इसके अतिरिक्त फसल अवशेष जलाये जाने से मृदा, पर्यावरण एवं आम जनमानस को होने वाली हानि तथा माननीय राष्ट्रीय हरित अभिकरण द्वारा इसे दण्डनीय अपराध घोषित किये जाने की भी जानकारी दी गई।
उक्त कार्यक्रम मे डाॅ0 रामकेवल यादव सलाहकार एन0एफ0एस0एम0 द्वारा कृषकों से अपील की गयी कि कृषक बन्धु कृषि विभाग द्वारा संचालित इन-सीटू योजना अन्तर्गत फसल अवशेष प्रबन्धन के यंत्र अनुदानित दर पर प्राप्त कर फसलों के अवशेष खेत ही में दबा दें। उन्होंने बताया कि कृषकों द्वारा फसल अवशेष खेत में जलाये जाने पर माननीय अभिकरण के निर्देशानुसार अर्थदण्ड/कारावास की कार्यवाही करायी जायेगी। उनके द्वारा कृषकों को सूचित किया गया कि राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर उपलब्ध राई/सरसों की समस्त प्रजातियों पर रू0-6500 प्रति कुन्तल एवं चने की समस्त प्रजातियों पर मूल्य का 50 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है, अस्तु कृषक बन्धु इसका लाभ उठा सकते हैं। जनपद में समस्त प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता है। कृषक बन्धु निर्धारित विक्रय मूल्य पर ही पंजीकृत उर्वरक विक्रेताओं से पाॅस मशीन पर अंगूठा लगाकर उर्वरक प्राप्त करें।
इस अवसर पर गोष्ठी में डा0 रसूल मुहम्मद, डा0 अखिलेश सहित तीनो विकास खण्डो मे कुल 319 प्रगतिशील कृषक उपस्थित रहे।