महराजगंज पीएचसी में लगी ट्रूनाट मशीन अब एमडीआर टीबी की जांच में होगी आसानी

मरीज के स्पुटम का सैम्पल जिला क्षय रोग अस्पताल लाने की नहीं होगी जरूरत
ट्रूनाट मशीन लग जाने से सामान्य टीबी और एमडीआर टीबी का चल जाएगा पता

आजमगढ़ 10 नवंबर– अब जनपद के महराजगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही एमडीआर टीबी (ऐसे मरीज जिनपर दवा काम नहीं करती) की भी जांच हो सकेगी। अभी तक मरीज के स्पुटम (बलगम) को सैम्पल की जांच के लिए जिला क्षय रोग अस्पताल लेकर आना होता था लेकिन पीएचसी में ही ट्रूनाट मशीन लग जाने से अब यह सुविधा आसान हो गयी है ।
जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी राजेश कुमार की जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष निगाह रहती है। इसके चलते स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रतिदिन इजाफा हो रहा है।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डाॅ परवेज अख्तर ने बताया कि महराजगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो नवम्बर से ट्रूनाट मशीन स्थापित होकर कार्य करने लगी है। इससे एमटीबी (सामान्य टीबी के मरीज) तथा एमडीआर टीबी दोनों ही तरह की टीबी की यहीं पर जांच हो सकेगी। अभी तक यहां पर माइक्रोस्कोपी से केवल एमटीबी (माइक्रो बैक्टोरियम ट्यूबरक्लोसिस) या सामान्य टीबी की ही जांच होती थी, लेकिन ट्रूनाट मशीन लग जाने से एमडीआर टीबी की भी जांच हो सकेगी। इससे मरीज को तुरंत सही इलाज दिया जाना संभव हो सकेगा। अभी तक महराजगंज के लोगों को एमडीआर टीबी की जांच के लिए स्पुटम का सैम्पल लेकर आजमगढ़ आना होता था। अब वहीं पर इसकी जांच हो जाएगी।
क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) पीयूष अग्रवाल ने बताया कि 02 नवंबर को महराजगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लैब टेक्नीशियन (एलटी) तथा सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर (एसटीएलएस) की ट्रेनिंग हुई और तीन तारीख से जांच शुरू हो गई। तीन दिनों (तीन, चार और पांच नवंबर) में कुल आठ टीबी की जांचें हुईं, जिसमें दो लोग एमटीबी पॉजिटिव पाए गए, जबकि एमडीआर टीबी का कोई रोगी नहीं मिला। यहां यह जानना जरूरी है कि ट्रूनाट मशीन के दो पार्ट होते हैं, एक एक्सट्रैक्टर और दूसरा एनलाइजर। एक्सट्रैक्टर सैम्पल को अच्छी तरह से मिलाकर बैक्टीरिया को अलग करता है, जबकि एनलाइजर बैक्टीरिया के जीनोम की जांच करता है। एनलाइजर से पता चल जाता है कि एमडीआर टीबी का जीनोम है या नार्मल टीबी का।