मऊ में मिला व्हाइट फंगस का मरीज, वाराणसी में चल रहा इलाज, अप्रैल में हुआ था कोरोना

मऊ: दिल्ली में कोविड पॉजिटिव होने के बाद उपचार कराकर लौटे एक बुजुर्ग ह्वाइट फंगस की चपेट में आ गए। डॉ. आदित्य क्षितिज ने इसकी पुष्टि की है। उत्तर प्रदेश में व्हाइट फंगस का यह पहला मामला बताया गया है।

वाराणसी के लंका इलाके में निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉ. क्षितिज मूल रूप से मऊ जिले के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि व्हाइट फंगस से पीड़ित वृद्ध (70) मूल रूप से मऊ जिला मुख्यालय स्थित सहादतपुरा मुहल्ले के निवासी हैं।

वह दिल्ली में कोरोना से संक्रमित हुए थे। उस दौरान 15 अप्रैल को वह वहां कैलाश अस्पताल में भर्ती हुए। 24 को ठीक होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई। इसके बाद वह घर आ गए।

लेकिन, 10 मई को अचानक उनको एक आंख से धुंधला दिखने लगा। इस पर उन्होंने किसी डाक्टर से संपर्क किए। लेकिन केस समझ में न आने पर मऊ के डाक्टर ने क्षितिज आदित्य से संपर्क किया।
इसके बाद 16 मई को मरीज वाराणसी पहुंचा। डॉ. क्षितिज के अनुसार जांच में प्रथम दृष्टया अनुमान लगाया गया था कि वृद्ध व्हाइट फंगस से पीड़ित हैं। इसलिए नमूना लैब भेजा गया। बृहस्पतिवार को आई जांच रिपोर्ट में व्हाइट फंगस की पुष्टि हो गई।

डॉ. क्षितिज के अनुसार व्हाइट फंगस से पीड़ित व्यक्ति जब कोविड पॉजिटिव थे, तो इलाज में स्टेरायड दवाओं का इस्तेमाल किया गया। ठीक होने के बाद भी डाक्टर ने स्टेरायड दवा खाने की सलाह दी थी। फिलहाल मरीज की स्टेरायड दवा बंद कर दी गई है। उसके बाद व्हाइट फंगस का उपचार शुरू किया गया है। यदि कल तक मरीज को आराम नही मिला तो ऑपरेशन करना पड़ेगा।