आजमगढ़ 30 जून– उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार व मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ के दिशा-निर्देश में कोविड महामारी को दृष्टिगत रखते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला कारागार, आजमगढ़ का निरीक्षण किया गया तथा कारागार में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन भी किया गया।
उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया तथा संविधान के अनुच्छेद 12,21,29 तथा 39 (ए) के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी और इसका अनुपालन किये जाने हेतु वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार, आजमगढ़ को आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत किये गये। तदोपरान्त जिला कारागार, आजमगढ़ में निरुद्ध बन्दियों को उनके अधिकारों से जागरूक करने हेतु विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
जिला कारागार में निरूद्ध महिला बन्दियों से सचिव ने वार्ता की, जिसमें महिला बन्दी गुड्डी जायसवाल व रीना यादव द्वारा चिकित्सीय सुविधा सम्बन्धित परेशानी बतायी गयी, जिसके निराकरण हेतु जेल महिला अधिकारी को सचिव ने निर्देश दिया। कुछ महिला बन्दियों जिनके मुकदमें में पैरवी करने हेतु अधिवक्ता नहीं है, वह अधिवक्ता की सेवायें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ के माध्यम से प्राप्त करने हेतु अपना प्रार्थना पत्र जेल क्लीनिक में उसकी प्रविष्टि करवाकर और जेल अधीक्षक से अग्रसारित कराकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ में प्रेषित कर सकती है। जेल में निरूद्ध पुरूष बन्दियों से सचिव ने वार्ता की तथा उनके समस्याओं के बारे में सुना और समस्याओं के निस्तारण के लिए जेल अधिकारियों को समुचित दिशा निर्देश दिया।
इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आजमगढ़ सुश्री अनीता, वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार सोनी, डिप्टी जेलर श्रीधर यादव, महिला डिप्टी जेलर नीलम, पैनल लॉयर सी0एल0 निगम व कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लिपिक पुनीत यादव उपस्थित रहे।
आजमगढ़ 30 जून– माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार तथा माननीय जनपद न्यायाधीश के आदेशानुसार जनपद मुख्यालय आजमगढ़ तथा समस्त तहसील मुख्यालयों पर दिनांक 10 जुलाई 2021 दिन शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित वाद, दीवानी वाद, वैवाहिक वाद, आपराधिक समनीय वाद, एनआई एक्ट, विद्युत अधिनियम बैंक के ऋण सम्बन्धी वाद, राजस्व वाद, चकबन्दी वाद तथा वे समस्त वाद जो सुलह समझौता के तहत निस्तारित किये जा सकते है, को जरिये सुलह समझौता निस्तारित कराया जायेगा।
उक्त के सम्बन्ध में आज मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ की अध्यक्षता में सिविल कोर्ट बार ऐसोसियेशन के अध्यक्ष व महामंत्री से आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु वार्ता की गयी। जनपद न्यायाधीश ने अध्यक्ष व महामंत्री को बताया कि वे अपने माध्यम से समस्त अधिवक्तागण से वार्ता करके आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों को सुलह समझौता के आधार पर निस्तारित कराये।