लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को निर्देश दिये कि मई महीने के अंत तक कोविड-19 अस्पतालों में एक लाख बेड सुनिश्चित होने चाहिए। योगी ने यहां अपने सरकारी आवास पर लॉकडाउन की समीक्षा के लिए बुलायी गयी उच्चस्तरीय बैठक में कहा, ‘कोविड-19 के संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विशेष सजगता और सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।’
अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री ने एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड-19 अस्पतालों में 20 मई तक 25,000 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि माह के अन्त तक कोविड-19 अस्पतालों में एक लाख बेड उपलब्ध हो जाएं।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल इंफेक्शन पर प्रभावी नियंत्रण के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करना आवश्यक है कि मण्डियों के माध्यम से संक्रमण का प्रसार किसी भी दशा में न होने पाए। आगामी 10 दिनों में बाहर से प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार एवं श्रमिक भी आएंगे इसलिए हर स्तर पर विशेष सावधानी और सतर्कता बरतते हुए पूरी जवाबदेही के साथ कार्य किया जाए।
योगी ने पृथक इकाई में साफ-सफाई के बेहतर प्रबन्ध करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि कम्युनिटी किचन (सामुदायिक रसोई) व्यवस्था को और अधिक प्रभावी व सुदृढ़ बनाया जाए। घर पर पृथक रहने के लिए घर भेजे जाने वाले प्रवासी कामगार और श्रमिकों को राशन किट उपलब्ध करायी जाए। निराश्रित लोगों को राशन किट के साथ-साथ एक-एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता भी दिया जाए।
अवस्थी के अनुसार मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि कोई भी पैदल अथवा साइकिल या बाइक आदि से यात्रा न करें। ऐसे लोग जहां भी मिले उन्हें वहीं रोककर उनका नाम पता आदि सम्पूर्ण विवरण दर्ज करते हुए मेडिकल जांच के बाद उनके जनपद में भेजने की व्यवस्था की जाए। यह सुनिश्चित कराया जाए कि ऐसे लोगों का पृथक केंद्र में स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य किया जाए। उन्होंने प्रवासी कामगारों और श्रमिकों के साथ हर स्तर पर सम्मानजनक व्यवहार किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सभी ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के वार्डों में निगरानी समितियों का गठन करने के निर्देश दिए और कहा कि इन समितियों में नेहरू युवा केन्द्र, युवक मंगल दल, स्वच्छाग्रही, ग्राम चौकीदार आदि को सम्मिलित करते हुए व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। निगरानी समितियों के द्वारा यह सुनिश्चित कराया जाए कि कोई भी बाहरी व्यक्ति यदि चोरी-छिपे उनके क्षेत्र में आए तो वे प्रशासन को सूचित करें। उन्होंने अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्जनपदीय आवागमन को सुव्यवस्थित रखे जाने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में कोई भी व्यक्ति अवैध रूप से न आने पाए। योगी ने कहा कि प्रदेश में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों को उनकी सहमति से उनके गृह प्रदेश भेजा जा रहा है।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश से भेजे जाने वाले ऐसे प्रवासी श्रमिकों की जनपदवार सूची तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश से नेपाल राष्ट्र के जो लोग वापस जाना चाहते हैं, उनकी वापसी की व्यवस्था की जाए, तथा जो लोग यहां रुकना चाहते हैं, उनके लिए आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि संचालित औद्योगिक इकाइयों के श्रमिकों को कार्य पर जाने के लिए प्रेरित किया जाए। यह भी सुनिश्चित कराया जाए कि औद्योगिक इकाइयों के श्रमिकों सहित सभी कर्मियों को लॉकडाउन अवधि के मानदेय का भुगतान हो जाए। उन्होंने श्रमिकों के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों से प्रदेश वापस आ रहे प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों के लिए स्थापित पृथक केंद्र, आश्रय स्थलों तथा कम्युनिटी किचन की व्यवस्थाओं में सम्बन्धित जिलाधिकारी को सहयोग प्रदान करने के लिए सभी 75 जनपदों में आईएएस तथा वरिष्ठ पीसीएस अधिकारियों को नामित किया गया है। इन अधिकारियों को पृथक केंद्र एवं आश्रय स्थल आदि पर स्वच्छता सम्बन्धी कार्यों के समन्वय की जिम्मेदारी दी जाए।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेजों की सभी गतिविधियों को और प्रभावी बनाया जाए। सभी कोविड-19 एवं गैर कोविड-19 अस्पतालों के लिए अलग-अलग प्रभारी नामित किए जाएं। पीपीई किट, एन-95 मास्क, सेनिटाइजर सहित सभी सुरक्षा सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। डाक्टरों सहित समस्त चिकित्साकर्मियों की संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी प्रशिक्षण निरन्तर जारी रखा जाए।