कोरोना के चलते अब मंदिरों में चलाई जा सकेंगी स्कूली कक्षाएं, भारत सरकार ने दिए संकेत

नई दिल्ली। ज्यादातर स्कूल-कॉलेजों के क्वारंटाइन केंद्र या आइसोलेशन सेंटर में तब्दील होने के कारण लॉकडाउन खुलने के बाद सरकार मंदिरों और बड़ी जमीनों के मालिकों के परिसर में कक्षाएं शुरू करने पर विचार कर रही है। यह जानकारी मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने दी है।

उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेज खुलने पर अभिभावक अपने बच्चों को उन विद्यालय भवनों में पढ़ने के लिए भेजने से हिचक सकते हैं जहां क्वारंटाइन केंद्र या आइसोलेशन सेंटर बनाए गए थे। हालांकि उन भवनों का अच्छी तरह सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है। ऐसी स्थिति में खासकर गांवों में विकल्प के रूप में मंदिर, धर्मशाला, पंचायत भवन या धनी भू-मालिकों के भवनों में विकल्प के रूप में कक्षाएं लगाई जा सकती हैं।

धोत्रे ने आगे कहा कि हम फिलहाल डेढ़ महीने तक स्कूल नहीं खोल सकते। हो सकता है स्कूल-कॉलेज खुलने में जुलाई भी बीत जाए। वैसे अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन हम बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं ले सकते। हमें बहुत सतर्क रहना होगा। सरकार इस दिशा में रणनीति बना रही है

एचआरडी मंत्रालय जल्द जारी करेगा गाइडलाइन

वही, दूसरी ओर कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लॉकडाउन-5 की शुरुआत हो चुकी है। साथ ही अनलॉक-1 भी शुरू हो गया है, जिसके तहत धीऱे-धीरे सभी गतिविधियों को शुरू किया जाना है। इनमें स्कूल- कालेजों का खुलना भी शामिल है, लेकिन इन्हें कब से खोलना है, इसका निर्णय राज्यों पर छोड़ा जाएगा। जो अपनी स्थिति और तैयारियों के आधार पर इसका फैसला ले सकेंगे।

महाराष्ट्र, केरल सहित नार्थ-ईस्ट के कई राज्यों ने जून से ही स्कूली गतिवधियों को शुरू करने के संकेत दिए है। ऐसे में मंत्रालय भी सेफ्टी गाइडलाइन को जल्द जारी करने की तैयारी में है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक स्कूलों को सुरक्षित तरीके से खोलने के लिए गाइडलाइन बनाने का जिम्मा एनसीईआरटी को दिया गया था। जिसने गाइडलाइन तो सौंप दी है, लेकिन स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय के साथ चर्चा के बाद इसमें सुधार किए जा रहे है। सूत्रों के मुताबिक गाइलडाइन अब बुधवार को जारी की जा सकती है।