उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत अनाथ बच्चों को मिलेगे हर माह रू 4000

आजमगढ़ 06 जून– जिला प्रोबेशन अधिकारी बी0एल0 यादव ने बताया कि कोविड-19 महामारी में आने वाले ऐसे सभी बच्चों, जिनके माता/पिता अथवा दोनों की कोविड-19 महामारी के संक्रमण/प्रभाव से मृत्यु हो गयी है तथा इन बच्चों के कोई करीबी अभिभावक न हो अथवा होने के बाद भी वह उसे अपनाना न चाहे या अपनाने में सक्षम न हो, के भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु आर्थिक सहायक प्रदान किये जाने के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बालसेवा योजना संचालित किया गया है।
उन्होंने कहा कि योजना का मूल उद्देश्य महामारी में अनाथ हुए बच्चों की सारी जरूरतें पूरी करना है। इनके भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की पूरी व्यवस्था सरकारी खर्च पर की जाएगी।
उन्होने बताया कि इस योजना में 18 साल तक के ऐसे बच्चे शामिल किए जाएंगे, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोरोना से हो गयी हो या फिर माता पिता में से एक की मृत्यु एक मार्च 2020 से पहले हो गई हो और दूसरे की मृत्यु कोविड काल में हो गई हो या फिर माता-पिता दोनों की मौत एक मार्च 2020 से पहले हो गई थी और वैध संरक्षक की मृत्यु इस महामारी से हो गई हो। इसके अलावा शून्य से 18 साल के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोरोना काल में हो गई हो और वह परिवार का खर्च चलाने वाला रहा हो। साथ ही वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय दो लाख रुपये प्रतिवर्ष से अधिक न हो, को भी योजना में शामिल किया गया है। लाभार्थी अनिवार्य रूप से उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि कोराना से मृत्यु के साक्ष्य के लिए एंटीजन या आरटी-पीसीआर की पाजिटिव टेस्ट रिपार्ट, ब्लड रिपार्ट या सीटी स्कैन में काविड-19 का इंफेक्शन होना माना जा सकता है।
इसी के साथ ही महिला कल्याण अधिकारी प्रीति उपाध्याय ने बताया कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत लाभ मिलेंगे, जिसमें प्रथम श्रेणी में 0 से 10 वर्ष तक की आयु के बच्चे के वैध संरक्षक के बैंक खाते में रुपया 4000 प्रतिमाह की धनराशि देय होगी, बशर्ते औपचारिक शिक्षा हेतु उनका पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो। इसके अतिरिक्त ऐसे बच्चे जो पूर्णतया अनाथ हो गए हो एवं बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के अंतर्गत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराए गए हो, उनको कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेशित कराया जाएगा। द्वितीय श्रेणी में 11 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की कक्षा 12 तक की नि:शुल्क शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा तथा विद्यालयों की 03 महीने की अवकाश अवधि हेतु बच्चों की देखभाल हेतु प्रतिमाह रुपया 4000 की दर से कुल रुपए 12000 की धनराशि प्रतिवर्ष संरक्षक के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी। उक्त धनराशि कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक जो भी पहले हो ही देय होगी। यदि बच्चे के संरक्षक उपरोक्त विद्यालयों में किसी कारण से प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हैं तो बच्चों की देखभाल व शिक्षा हेतु उनको 18 वर्ष के आयु होने अथवा कक्षा 12 तक की शिक्षा पूरी होने तक रूपया 4000 की धनराशि दी जाएगी बशर्ते बच्चे की औपचारिक शिक्षा हेतु अनिवार्य रूप से किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो। उन्होंने बताया कि लाभार्थी बालिकाओं की शादी हेतु रुपया 1,01,000 आर्थिक सहयोग प्राप्त होगा, इसी के साथ ही पात्र लाभार्थियों मे कक्षा 09 या इससे ऊपर अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, 18 वर्ष तक के बच्चों को लैपटॉप/ टेबलेट की सुविधा दी जाएगीl इसी के साथ ही साथ बच्चों की चल/अचल संपत्ति की कानूनी सुरक्षा भी कराई जाएगी।
उन्होंने बताया कि आवेदन प्रक्रिया के अंतर्गत फॉर्म ऑफ लाईन तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत अधिकारी या विकासखंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा होगा। शहरी क्षेत्रों में लेखपाल या तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा होगा, आवेदन फार्म जिला प्रोबेशन कार्यालय से भी प्राप्त कर सकते हैं।