आजमगढ़ 16 जून– जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास)/जिला प्रबंधक, उ0प्र0 अनु0जाति वित्त एवं विकास निगम लि0, विनोद कुमार सिंह ने बताया कि अनुसूचित जातियों के आर्थिक उत्थान हेतु उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लि0 द्वारा अनु0 जाति के व्यक्तियों/परिवार जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र मे 46080 रूपये एवं नगरीय क्षेत्र मे रूपये 56480 से अधिक न हो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु योजनायें संचालित है। सभी योजनाओं में आधार कार्ड, पहचान प्रपत्र, दो फोटो तथा तहसील स्तर से प्राप्त आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र आदि संलग्न करना आवश्यक है।
पं0 दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना (स्वतः रोजगार योजना) के अन्तर्गत अनुसूचित जाति के पात्र व्यक्तियों को उद्योग/व्यवसाय संचालित करने हेतु राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से रूपये 20000 से लेकर रूपये 1500000 तक की योजनाएं स्वीकृत करायी जाती हैं, जिसमें रूपये 10000 अनुदान व रूपये 50000 से अधिक की योजनाओं में योजना लागत का 25 प्रतिशत भाग 04 प्रतिशत वार्षिक व्याज दर पर मार्जिन मनी ऋण के रूप में दिया जाता है। नगरीय क्षेत्र दुकान निर्माण योजना अन्तर्गत ऐसे अनुसूचित जाति के परिवार जिनके पास 13.32 वर्गमीटर व्यवसायिक स्थल पर भूमि उपलब्ध हो, उन्हें स्वयं द्वारा दुकान निर्माण कराने हेतु दो किस्तों में (58500+19500) कुल 78000 रूपये उनके खाते में भुगतान कर दुकान का निर्माण कराया जाता है, जिसमें रूपये 10000 अनुदान एवं रूपये 68000 बिना ब्याज का ऋण होता है। जिसकी अदायगी 120 मासिक किस्तों में करनी होती है। इस योजना में उक्त सभी प्रपत्रों के साथ-साथ भूमि का प्रपत्र एवं तहसील द्वारा प्राप्त जमीन का नजरी नक्शा आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना आवश्यक है।
धोबी जाति के आर्थिक उत्थान हेतु विभाग द्वारा लाण्ड्री एवं ड्राईक्लीनिंग योजना संचालित है, जिसकी योजना लागत 216000 रूपये तथा 100000 रूपये है, जिसमें क्रमशः रूपये 10000 अनुदान एवं 206000 रू0 तथा 90000 रूपये बिना व्याज का ऋण होता है। ऋण की अदायगी के क्रम में आवेदक से एक सरकारी सेवक की गारन्टी भी ली जाती है। ऋण की अदायगी 60 समान मासिक किस्तों में करनी होती है।
अनुसूचित जाति के युवक/युवतियों के आर्थिक उत्थान हेतु टेलरिंग शाप योजना संचालित है, जिसकी योजना लागत 20000 रूपये है, जिसमें रूपये 10000 अनुदान एवं 10000 रूपये बिना ब्याज का ऋण होता है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति की बी0पी0एल0 श्रेणी की महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाने हेतु नव संचालित पंडित दीनदयाल उपाध्याय आटा/मसाला चक्की योजना संचालित है। जिसकी योजना लागत 20000 रूपये है, जिसमें रूपये 10000 अनुदान तथा शेष 10000 रूपये ब्याजमुक्त ऋण के रूप में दिया जायेगा। व्याजमुक्त ऋण की अदायगी लाभार्थी द्वारा 36 समान मासिक किस्तों में करनी होगी। भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में चयनित ग्रामों की अनुसूचित जाति की महिलाओं को उक्त योजना में प्राथमिकता प्रदान की जायेगी।
उक्त समस्त योजनाओं में लाभ प्राप्त करने हेतु ग्रामीण क्षेत्र के पात्र व्यक्ति अपने विकासखण्ड में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी/सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण अथवा खण्ड विकास अधिकारी से एवं नगरीय क्षेत्र के पात्र व्यक्ति कार्यालय जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास)/जिला प्रबन्धक, उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लि0 श्रम विभाग के बगल राहुल नगर, मड़या, आजमगढ़ में किसी कार्यालय स्टाफ से जानकारी प्राप्त कर उक्त योजनाओं में लाभान्वित होने हेतु दिनांक 30 जून 2021 तक आवेदन कर सकते हैं।
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