तलाशने होंगे पढ़ाई के सरल और सुरक्षित माध्यम : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

लखनऊ। कोरोना वायरस ने एक वैश्विक संकट उत्पन्न किया है, इस संकट से प्रत्येक कार्य क्षेत्र के संचालन में बाधा उत्पन्न हुयी है।लॉकडाउन जैसे कठिन कदम उठाने पड़े हैं। बावजूद इसके ऑनलाइन लर्निंग के माध्यम से इस कठिन समय में भी पठन-पठान के कार्य को बेहतर ढंग से किया जा रहा है। लेकिन वर्तमान हालात को देखते उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के नए आयाम पर विमर्श करना जरुरी हो गया है। महामारी के दौर में शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एक वैश्विक माडल तैयार करने की जरूरत है, जिससे विद्यार्थियों को सहज और सुरक्षित शिक्षा प्रणाली मुहैया करवाई जा सके।यह कहना था राज्यपाल/कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल का।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि (एकेटीयू) के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में मंगलवार को कोविड-19 उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के नए आयाम विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शिक्षण एवं प्रशिक्षण जारी रखने के लिए लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के जरिये ऑनलाइन लर्निंग एक अच्छा विकल्प साबित हुआ है। ऑनलाइन लर्निंग को बढ़ावा देने के बावजूद भी शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हई है।ऐसे में कोविड-19 महामारी की विषम परिस्थितयों में शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विश्व स्तर पर मंथन करना होगा। हमें इस सम्बन्ध में एक व्यापक रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है, जो शिक्षण कार्य को निर्बाध गति प्रदान कर सके।

अनवरत रूप से प्रदान की जा रही ऑनलाइन शिक्षा 

उन्होंने कहा कि एकेटीयू के द्वारा लॉकडाउन होने के बावजूद भी ईआरपी के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा अनवरत रूप से प्रदान की जा रही है। साथ ही शोध एवं नवाचार भी लगातार जारी हैं। कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए विवि के विद्यार्थियों द्वारा नवाचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक द्वारा कोविड-19 की महामारी के समय एजुकेशन सिस्टम को ऑनलाइन करने में महती भूमिका निभाई है, जिससे एलएमएस के माध्यम से ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग को गति मिली है। यूनिवर्सिटी ऑफ बफैलो यूएसए के प्रेसिडेंट प्रो सतीश के त्रिपाठी ने कहा कि हमें ऑनलाइन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना होगा।

लाइव ब्लॉग पर करना होगा काम 

 स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी आस्ट्रेलिया के प्रो-वाइस चांसलर प्रो अजय कपूर ने कहा हमें वर्चुअल क्लास रूम, ई-लर्निंग मटेरियल और लाइव ब्लॉग पर काम करना होगा। अध्यापक और स्टूडेंट के बीच लाइव डिस्कशन की अवधारण को भी मूर्तरूप प्रदान करना चाहिए। इन्टरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स यूके के प्रो वाइस चांसलर प्रो रिचर्ड फोल्लेट डिप्टी ने कहा सोशल मीडिया प्लेटफार्म को भी उपकरण के तौर पर प्रयोग करना चाहिए। प्रो थामस स्टोन प्राचार्य टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी डबलिन आयरलैंड ने कहा कि हमें अपनी मूल्यांकन प्रणाली में बदलाव करने होंगे। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2020-2021 के लिए अकादमिक योजना में ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग के क्रेडिट्स को शामिल करने की पहल करनी होगी। विवि के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने कहा कि वेबिनार का मकसद कोविड-19 महामारी के इस दौर में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा को पटरी पर लाने के लिए वैश्विक स्तर पर नए आयामों पर चर्चा करना है। वेबिनार में मुख्य रूप से प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा राधा एस चौहान समेत देश एवं विश्व के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के कुलपति, निदेशक एवं आचार्य शामिल हुए।आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक प्रो एसजी धांडे, टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी डबलिन आयरलैंड के प्रो थामस स्टोन, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के वाइस चेयरमैन प्रो एमपी पुनिया, इन्टरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स यूके के प्रो वाइस चांसलर रिचर्ड फोल्लेट डिप्टी मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे।

कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने कुलाधिपति के नेतृत्व में शिक्षा एवं नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है।उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 महामारी के बीच विद्यार्थियों तक शिक्षण सामग्री पहुँचाने के लिए आल्टरनेटिव माध्यम विकसित करने पर भी मंथन चल रहा है। जल्द ही सामुदायिक रेडियों और डेडिकेटेड टेलीविज़न ब्राडकास्टिंग के माध्यम से भी टीचिंग की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा वर्चुअल क्लासरूम एवं वर्चुअल लैब जैसे ऑनलाइन उपकरणों का भी वृहद प्रयोग सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वेबनार के माध्यम से आने वाले बहुमूल्य सुझाव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा को नए आयाम प्रदान करेंगे।